क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान में भरपाई की कोशिशें जारी हैं?

सारांश
Key Takeaways
- बीएसएफ की मैराथन से युवाओं को प्रेरणा मिलेगी।
- ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ ने नई तकनीकों को अपनाया है।
- पाकिस्तान की गतिविधियों पर बीएसएफ की कड़ी निगरानी।
- ड्रोन युद्ध विद्यालय का उद्घाटन।
- भारत की सुरक्षा के प्रति बीएसएफ की प्रतिबद्धता।
जम्मू, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के आईजी शशांक आनंद ने बताया कि बीएसएफ 9 नवंबर को जम्मू में एक मैराथन का आयोजन करने जा रहा है। इस मैराथन का मुख्य उद्देश्य युवाओं को खेल और शारीरिक फिटनेस के प्रति प्रेरित करना है।
आईजी आनंद ने कहा, "हम चाहते हैं कि जम्मू से बड़ी संख्या में युवा पुरुष और महिलाएं इस निःशुल्क मैराथन में भाग लें। अगले एक महीने में हम सभी क्षेत्रों का दौरा करेंगे और लोगों को इसके लिए प्रेरित करेंगे।"
उन्होंने इस पहल के माध्यम से युवाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने के लिए प्रेरित करने और उनके उज्ज्वल भविष्य की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
आईजी शशांक आनंद ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद बीएसएफ की रणनीतिक प्रगति के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीएसएफ ने रक्षा और अर्धसैनिक बलों में आधुनिक तकनीक को अपनाने की प्रक्रिया को तेज किया है। ग्वालियर स्थित बीएसएफ अकादमी में ड्रोन युद्ध के लिए एक स्कूल का उद्घाटन किया गया है। इसके साथ ही, बीएसएफ बटालियनों को ड्रोन स्क्वाड्रन और ड्रोन कमांडो के साथ प्रशिक्षित किया जा रहा है। हम दुश्मन को ऐसी तकनीक से नुकसान पहुंचाने में सक्षम होंगे, जिसकी उन्होंने सोच भी नहीं थी।
आईजी शशांक आनंद ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान बीएसएफ ने तस्वीरों और वीडियो के माध्यम से यह साबित किया कि जब पड़ोसी देश (पाकिस्तान) ने कार्रवाई की हिम्मत की, तो उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा।
उन्होंने कहा, "ऑपरेशन के बाद से पड़ोसी देश नुकसान की भरपाई की कोशिश में लगा है, लेकिन हम उनकी हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। हाल ही में तूफानों के कारण भी उन्हें नुकसान हुआ है, और बीएसएफ सीमा पार उनकी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी बनाए हुए है।"
उन्होंने बताया कि बीएसएफ किसी भी उभरती प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए तैयार है। ड्रोन, जो लंबे समय से बीएसएफ का हिस्सा हैं, अब 21वीं सदी के युद्ध में अगले स्तर पर उपयोग के लिए तैयार किए जा रहे हैं। ग्वालियर में स्थापित ड्रोन युद्ध विद्यालय बीएसएफ कर्मियों और अधिकारियों को आधुनिक तकनीक से लैस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
आईजी शशांक आनंद ने स्पष्ट किया कि बीएसएफ पड़ोसी देश और उसके आसपास की सभी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई के लिए सहयोगी एजेंसियों और सुरक्षा बलों के साथ प्रभावी रणनीति बनाई जाती है।
उन्होंने कहा, "बीएसएफ पूरी तरह सतर्क, सजग और प्रभावी है। हम अपने देश को किसी भी खतरे से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
उन्होंने कहा, "भारत हमेशा वैश्विक शांति का समर्थक रहा है। हम कभी इसे भंग करने का प्रयास नहीं करेंगे। लेकिन, अगर हमारे दुश्मन भारत में अस्थिरता लाने की कोशिश करते हैं, तो हम उन्हें ऐसा करने की इजाजत नहीं देंगे।"