क्या मिजोरम पहली बार रेल नेटवर्क से जुड़ गया? पीएम मोदी ने वर्चुअली दिखाई 3 ट्रेनों को हरी झंडी

सारांश
Key Takeaways
- बैराबी-सैरांग रेल लाइन का उद्घाटन १३ सितंबर को हुआ।
- इसका निर्माण ८,०७० करोड़ रुपए की लागत में किया गया।
- यह मिजोरम को पहली बार भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ती है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर तीन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई।
- यह रेल लाइन स्थानीय विकास और रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी।
आइजोल, १३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिजोरम को पहली बार भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ने वाली बैराबी-सैरांग नई रेल लाइन का उद्घाटन किया है। यह मिजोरम के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि यह भारत के रेलवे मानचित्र में शामिल हो गया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने तीन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
बैराबी-सैरांग नई रेल लाइन ८,०७० करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनकर तैयार हुई है। यह केंद्र सरकार की विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाती है। यह रेल लाइन एक चुनौतीपूर्ण पहाड़ी क्षेत्र में बनी है। इसके लिए जटिल भौगोलिक स्थितियों के तहत ४५ सुरंगें बनाई गई हैं। इसमें ५५ बड़े पुल और ८८ छोटे पुल भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। वे मिजोरम के लिए निकले थे। हालांकि, दुर्भाग्य से खराब मौसम के कारण वे आइजोल नहीं पहुंच पाए। इसके बाद मिजोरम एयरपोर्ट पर ही उन्होंने वर्चुअली कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मिजोरम भारत की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह राष्ट्र के लिए, विशेषकर मिजोरम के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। अब आइजोल भारत के रेलवे मानचित्र पर होगा।
पीएम मोदी ने कहा, "कुछ साल पहले मुझे आइजोल रेलवे लाइन की आधारशिला रखने का अवसर मिला था और आज हम इसे देशवासियों को समर्पित करते हुए गर्व महसूस करते हैं। दुर्गम भूभाग सहित कई चुनौतियों को पार करते हुए बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन एक वास्तविकता बन गई है। हमारे इंजीनियरों के कौशल और हमारे कार्यकर्ताओं के उत्साह ने इसे संभव बनाया है।"
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पहली बार मिजोरम का सैरांग राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सीधे जुड़ेगा। यह सिर्फ एक रेलवे नहीं है, बल्कि परिवर्तन की जीवनरेखा है। यह मिजोरम के लोगों के जीवन और आजीविका में क्रांति लाएगी। मिजोरम के किसान और व्यवसाय देश भर के ज्यादा बाजारों तक पहुंच पाएंगे। लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के बेहतर अवसर भी मिलेंगे। इस विकास से कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।