क्या पैन कार्ड मामले में सजा सुनाए जाने के बाद सुरेंद्र राजपूत ने आजम खान को परेशान करने का आरोप लगाया?
सारांश
Key Takeaways
- आजम खान को पैन कार्ड मामले में सजा मिली।
- सुरेंद्र राजपूत ने भाजपा पर आरोप लगाए।
- लोकतंत्र की रक्षा के लिए सत्य की आवाज को दबाना गलत है।
- दिल्ली ब्लास्ट पर सख्त कार्रवाई की मांग।
- कांग्रेस ने आतंकवाद के खिलाफ अहिंसा का संदेश दिया।
लखनऊ, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। रामपुर एमपी/एमएलए कोर्ट ने दो पैन कार्ड रखने के मामले में सपा नेता आजम खान को सात साल की सजा सुनाई है। इस निर्णय की निंदा करते हुए कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने मंगलवार को कहा कि जिस तरीके से आजम खान को परेशान किया जा रहा है, वह पूरी तरह से गलत है। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसी स्थिति को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि भाजपा ने साजिश कर ली है कि किसी भी तरह से आजम खान को परेशान करना है, लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। अगर किसी को यह लगता है कि वह अपनी साजिशों से सत्य को परेशान कर सकता है, तो यह उनकी गलतफहमी है। हमें विश्वास है कि आजम खान को न्याय मिलेगा, क्योंकि सत्य की आवाज को दबाया नहीं जा सकता।
कांग्रेस नेता ने मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) की भी निंदा की और कहा कि इसके माध्यम से बिहार में राजनीतिक स्थिति को अपने अनुकूल करने की कोशिश की जा रही है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग लोकतंत्र की बलि चढ़ा रहे हैं। कांग्रेस समिति जल्द ही इस मामले में बैठक करेगी और शीर्ष नेतृत्व को सूचित करेगी कि आगे क्या कदम उठाने हैं।
सुरेंद्र राजपूत ने दिल्ली ब्लास्ट के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यदि उनके पास समय है, तो कृपया गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालें, क्योंकि वर्तमान में भाजपा का प्रचार मंत्रालय ही चल रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि वर्तमान में ये लोग सभी जांच एजेंसियों का उपयोग चुनावी स्थिति को अपने पक्ष में करने के लिए कर रहे हैं। यदि इन्हें मौका मिले, तो गृह मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभालें ताकि देश की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
दिल्ली ब्लास्ट में संलिप्त आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि ऐसे लोगों को पाताल लोक से भी बाहर निकाला जाना चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए ताकि देश की सुरक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ न हो।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आतंक का सबसे ज्यादा दंश झेला है और हम अपने दो प्रधानमंत्रियों को आतंकवाद की वजह से खो चुके हैं। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। अन्याय के खिलाफ आतंक नहीं, बल्कि अहिंसा का सहारा लिया जाना चाहिए। यही हमें महात्मा गांधी ने सिखाया है।