क्या लखनऊ विश्वविद्यालय 105वें स्थापना दिवस पर विशेष पूर्व छात्रों को सम्मानित करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- लखनऊ विश्वविद्यालय अपने 105वें स्थापना दिवस पर विशेष पूर्व छात्रों का सम्मान करेगा।
- यह सम्मान पूर्व छात्रों की उत्कृष्ट उपलब्धियों को मान्यता देता है।
- समारोह में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा।
- यह कार्यक्रम वर्तमान पीढ़ी के छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
- समाजिक योगदान और शैक्षणिक परंपरा का सम्मान किया जाएगा।
लखनऊ, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। लखनऊ विश्वविद्यालय इस वर्ष अपने 105वें स्थापना दिवस के अवसर पर उन नौ विशिष्ट पूर्व छात्रों को सम्मानित करने जा रहा है, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपने अद्वितीय योगदान से संस्थान का नाम रोशन किया है। एलुमनाई फाउंडेशन की चयन समिति द्वारा गहन विचार-विमर्श के बाद इन नामों की घोषणा की गई है, जो विश्वविद्यालय की गौरवशाली परंपरा और शैक्षणिक मूल्यों का प्रतीक है।
लखनऊ विश्वविद्यालय 25 नवंबर को अपनी स्थापना दिवस को धूमधाम से मनाने की योजना बना रहा है। इस अवसर पर उन नौ प्रतिष्ठित पूर्व छात्रों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर लखनऊ विश्वविद्यालय का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह सम्मान सिर्फ पूर्व छात्रों के योगदान का गौरवपूर्ण स्मरण नहीं है, बल्कि वर्तमान पीढ़ी के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।
एलुमनाई फाउंडेशन के महासचिव प्रो. सुधीर मेहरोत्रा ने बताया कि चयन समिति ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धियों के आधार पर इन नौ नामों का चयन किया है। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना भी शामिल हैं, जिनके नेतृत्व में राज्य में वित्तीय अनुशासन, बजट प्रबंधन और आर्थिक पारदर्शिता को नई दिशा मिली है। हिंदी साहित्य और आलोचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रो. सूर्य प्रकाश दीक्षित को सम्मानित किया जाएगा। समकालीन साहित्यिक विमर्श में उनकी भूमिका हमेशा प्रभावी रही है।
इसके अतिरिक्त, बायोकेमिस्ट्री में उत्कृष्ट शोध और अध्यापन के लिए प्रो. जीजी सनवाल को सम्मान दिया जाएगा। उन्होंने विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गुणवत्ता को नई दिशा दी है। परफॉर्मिंग आर्ट्स के क्षेत्र में डॉ. अनिल रस्तोगी को सम्मानित किया जाएगा, जो थिएटर और अभिनय में लखनऊ की सांस्कृतिक धारा के प्रमुख स्तंभ हैं। न्यायपालिका के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जस्टिस मनीष कुमार का नाम भी सूची में है।
इसके अलावा आध्यात्मिक जागरण और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए प्रभु नारायण श्रीवास्तव को सम्मानित किया जाएगा। प्रत्यक्ष कर प्रशासन और कर सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सीबीडीटी के सदस्य प्रबोध सेठ को चयनित किया गया है। पत्रकारिता के क्षेत्र में जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाने और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के लिए अखिलेश सिंह को सम्मान मिलेगा।
वहीं, आईपीएस लक्ष्मी सिंह को कानून व्यवस्था, सामुदायिक पुलिसिंग और प्रशासनिक नेतृत्व में उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित किया जाएगा। प्रो. मेहरोत्रा के अनुसार यह सभी व्यक्तित्व लखनऊ विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परंपरा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले ऐसे नाम हैं, जिन्हें विश्वविद्यालय अपनी धरोहर मानता है।