क्या एसआईआर पर मल्लिकार्जुन खड़गे का आरोप सही है?
सारांश
Key Takeaways
- मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
- कांग्रेस पार्टी मतदाता सूचियों की पवित्रता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
- यदि चुनाव आयोग निष्क्रिय रहता है, तो यह एक गंभीर समस्या बन सकती है।
नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर एक बार फिर केंद्र और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। खड़गे ने कहा कि कांग्रेस मतदान सूची की पवित्रता की रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में चुनाव आयोग की भूमिका लोकतांत्रिक संस्थाओं पर जनता के भरोसे को और कमजोर कर रही है।
खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "हमने उन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिवों, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारियों, प्रदेश कांग्रेस कमेटी, कांग्रेस विधायक दल और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिवों के साथ एक व्यापक रणनीति समीक्षा की, जहां एसआईआर प्रक्रिया चल रही है।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी मतदाता सूचियों की अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। ऐसे समय में जब लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता का विश्वास पहले से ही कमजोर है, एसआईआर प्रक्रिया के दौरान चुनाव आयोग का आचरण बेहद निराशाजनक रहा है।"
उसे तुरंत यह साबित करना होगा कि वह भाजपा के साये में काम नहीं कर रहा है और उसे किसी सत्तारूढ़ दल के प्रति नहीं, बल्कि भारत की जनता के प्रति अपनी संवैधानिक शपथ और निष्ठा का ध्यान है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमारा दृढ़ विश्वास है कि भाजपा वोट चोरी के लिए एसआईआर प्रक्रिया को हथियार बनाने की कोशिश कर रही है। अगर चुनाव आयोग इस पर ध्यान नहीं देता है तो यह विफलता केवल प्रशासनिक नहीं है, बल्कि यह चुप्पी की मिलीभगत बन जाती है। इसलिए हमारे कार्यकर्ता, बीएलओ और जिला/शहर/ब्लॉक अध्यक्ष निरंतर सतर्क रहेंगे।
उन्होंने कहा कि हम असली मतदाताओं को हटाने या फर्जी मतदाताओं को शामिल करने की हर कोशिश का पर्दाफाश करेंगे, चाहे वह कितनी भी सूक्ष्म क्यों न हो। कांग्रेस पार्टी संस्थाओं के पक्षपातपूर्ण दुरुपयोग से लोकतांत्रिक सुरक्षा उपायों को कम नहीं होने देगी।