क्या प्रशांत किशोर ने बिहारियों और माताओं-बहनों का अपमान किया है? गुरु प्रकाश ने माफी की मांग की है
सारांश
Key Takeaways
- प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव में हार की जिम्मेदारी ली।
- गुरु प्रकाश पासवान ने उनकी टिप्पणी को अपमानजनक बताया।
- बिहार की माताओं और बहनों के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए।
- बिहार की सांस्कृतिक धरोहर की अहमियत को समझना चाहिए।
- महिलाओं को स्वरोजगार के लिए सहायता देने की बात की गई।
पटना, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद मंगलवार को पहली बार मीडिया के सामने आए। उन्होंने पार्टी की हार की जिम्मेदारी स्वीकार की। इसके जवाब में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर ने कहा था कि 10-10 हजार रुपए देकर वोट डलवाए गए। यह बिहार की जनता और माताओं-बहनों का अपमान है, इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि विरोध लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन इस विरोध का आधार क्या है? मैं उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस सुन रहा था, जहां वे कह रहे थे कि 10,000 रुपए दिए गए। यह बिहारियों का अपमान है, विशेषकर बिहार की माताओं और बहनों का। उनके विवेक पर सवाल उठाया जा रहा है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि बिहार देश की चेतना, ज्ञान और विद्या की प्राचीन भूमि है, जहां की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत पर लोग गर्व करते हैं। बिहार छठी मईया की भूमि है। बिहार की माताओं और बहनों के बारे में यह कहना कि उन्होंने दस हजार रुपए लेकर किसी पार्टी विशेष को वोट दिया, यह सरासर प्रदेश का अपमान है।
भाजपा प्रवक्ता ने प्रशांत किशोर से मांग की कि वे अपनी टिप्पणी पर स्पष्टीकरण दें और बिहार की माताओं-बहनों से तत्काल माफी मांगें। इस तरह की अमर्यादित भाषा के लिए उन्हें माताओं और बहनों से क्षमा मांगनी चाहिए।
प्रशांत किशोर ने कहा कि 40,000 करोड़ रुपए खर्च करने के वादों के कारण बिहार में एनडीए जीता। बिहार के प्रत्येक विधानसभा में 60 से 62 हजार महिलाओं को स्वरोजगार के लिए पहली किस्त के तौर पर 10 हजार रुपए दिए गए। आने वाले छह महीने में इन्हें दो लाख रुपए दिए जाएंगे।
उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि सरकार अगले छह महीने में इन महिलाओं को दो लाख रुपये दे, जिससे बिहार में पलायन रुक सके। जिन महिलाओं को यह दो लाख रुपये की राशि नहीं मिलती है, वे जन सुराज से संपर्क करें और हम उनकी मदद करेंगे।