क्या पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को उनकी हैसियत बताई गई?

सारांश
Key Takeaways
- पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को गाड़ी पर चढ़ने से रोका गया।
- भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह ने इसे एक सोची-समझी रणनीति बताया।
- राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की राजनीतिक स्थिति को चुनौती दी गई।
- मतदाता सूची का परीक्षण हर चुनाव से पहले एक सामान्य प्रक्रिया है।
- विपक्ष द्वारा डैमेज कंट्रोल की कोशिशें शुरू हो गई हैं।
गोंडा, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ‘बिहार बंद’ के दौरान पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार को राहुल गांधी की गाड़ी पर चढ़ने से रोके जाने की घटना चर्चा का विषय बन गई है। इस पर भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह का बयान आया है। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं को गाड़ी पर चढ़ने नहीं देना एक सोची-समझी रणनीति है।
भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को इसलिए धक्का दिया गया ताकि हार का ठीकरा उन्हीं पर फोड़ा जाए और यह कहा जाए कि वे भी दोषी हैं। पप्पू यादव की एक-दो लोकसभा सीटों पर मजबूत स्थिति है। कन्हैया कुमार की पैदाइश टुकड़े-टुकड़े गैंग की है, इसलिए जानबूझकर पप्पू यादव और कन्हैया कुमार की हैसियत बताई गई है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ‘राज परिवार’ से आते हैं। एक नेता खुद को हिंदुस्तान का राजा मानता है तो दूसरा खुद को बिहार का राजा मानता है। इसी कारण वे बिहार में कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को क्यों खड़ा होने देंगे?"
बृजभूषण शरण सिंह ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी और तेजस्वी यादव हार मान चुके हैं, इसलिए यह अभी से तैयारी कर रहे हैं कि भाजपा और नीतीश कुमार पर आरोप कैसे लगाया जाए? मैं दावे के साथ कहता हूं कि बिहार में उनकी हार निश्चित है और इसी के चलते उन्होंने एडवांस में चुनाव आयोग पर आरोप मढ़ना शुरू कर दिया है।"
बिहार में चुनाव आयोग के मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के सवाल पर भाजपा नेता ने कहा, "मतदाता सूची का परीक्षण हर चुनाव से पहले होता है। कितने लोगों की मौत हुई है और कितने नए नाम जुड़े हैं, यह प्रक्रिया कोई नई नहीं है और ऐसा पूरे देश में भी होता है। विपक्ष इसको इसलिए मुद्दा बना रहा है क्योंकि उन्हें पता है कि भाजपा और नीतीश कुमार के नेतृत्व में हमारी सरकार बनने जा रही है, इसलिए वह अभी से डैमेज कंट्रोल की व्यवस्था कर रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "राहुल गांधी पर बात करने में मुझे शर्म आती है। उनकी मौजूदगी में ‘चुनाव आयोग मुर्दाबाद’ जैसे नारे लगते हैं।"