क्या माटीकला महोत्सव परंपरा और नवाचार का संगम है? : राकेश सचान

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क्या माटीकला महोत्सव परंपरा और नवाचार का संगम है? : राकेश सचान

सारांश

माटीकला महोत्सव 2025 का शुभारंभ लखनऊ में हुआ, जिसमें मंत्री राकेश सचान ने विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन किया। इस महोत्सव में कारीगरों का योगदान और माटीकला की समृद्धि को प्रदर्शित किया गया है। जानिए कैसे यह महोत्सव परंपरा और नवाचार का एक अनूठा संगम है।

Key Takeaways

  • माटीकला महोत्सव परंपरा और नवाचार का संगम है।
  • 10 दिवसीय इस महोत्सव में 50 निःशुल्क दुकानें हैं।
  • बोर्ड ने 15,932 विद्युत चालित चाक वितरित किए हैं।
  • मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के तहत नई इकाइयों की स्थापना की जा रही है।
  • कारीगरों को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

लखनऊ, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। खादी भवन में शुक्रवार को प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी, हथकरघा एवं वस्त्र मंत्री राकेश सचान ने माटीकला महोत्सव 2025 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर माटीकला बोर्ड द्वारा विकसित नवीन माटीकला पोर्टल एवं ई-वेरिफिकेशन मोबाइल ऐप का भी लोकार्पण किया गया। साथ ही 10 कारीगरों को निःशुल्क विद्युत चालित चाक, 2 कारीगरों को पगमिल मशीन एवं 2 लाभार्थियों को बैंकों से स्वीकृत ऋण के चेक वितरित किए गए।

दीपावली के शुभ अवसर पर आरंभ हुए इस 10 दिवसीय महोत्सव में विभिन्न जनपदों से आए कारीगरों की 50 निःशुल्क दुकानें लगाई गई हैं, जिनमें पारंपरिक और आधुनिक माटीकला उत्पाद आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

मंत्री राकेश सचान ने बताया कि प्रदेश में माटी का प्रयोग कर मूर्तियां, खिलौने, बर्तन, इत्यादि गृह उपयोगी एवं कलात्मक वस्तुएं बनाने का प्रचलन सदियों से रहा है। आज भी प्रदेश में पर्याप्त संख्या में माटीकला शिल्पकार इस परंपरागत उद्योग में लगे हुए हैं।

माटीकला के अंतर्गत निर्मित वस्तुओं को बढ़ावा देने एवं परंपरागत उद्योगों को नवाचार के माध्यम से संरक्षित एवं संवर्धित करते हुए, अधिकाधिक कारीगरों को रोजगार से जोड़ने के लिए 19 जुलाई, 2018 को माटीकला बोर्ड की स्थापना की गई थी। स्थापना के बाद से अब तक 48,048 कारीगर परिवारों की पहचान की जा चुकी है तथा 37,190 कारीगरों को मिट्टी की निकासी हेतु पट्टा आवंटित किया गया है।

बोर्ड द्वारा अब तक 15,932 विद्युत चालित चाक और 375 पगमिल मशीनें वितरित की जा चुकी हैं। इस वित्तीय वर्ष में 2,500 चाक और 300 पगमिल वितरण का लक्ष्य है। इसके साथ ही 603 जोड़ी पीओपी डाई, 31 पेंटिंग मशीनें और 81 दीया मशीनें कारीगरों को दी गई हैं।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के अंतर्गत पिछले छह वर्षों में 1,114 लाभार्थियों को ऋण स्वीकृत कर उद्योग इकाइयों की स्थापना कराई गई है। इस वर्ष 300 नई इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वहीं, राज्य में 6 कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) स्थापित किए जा चुके हैं, जबकि अमेठी, बरेली और बिजनौर में 3 नए सीएफसी की स्थापना प्रक्रिया में हैं।

प्रशिक्षण योजना के तहत 16,307 लाभार्थियों को तकनीकी प्रशिक्षण, 1,114 को उद्यम संचालन और 6,786 को शिल्पकारी प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

Point of View

बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा को भी संरक्षित करने का एक प्रयास है। वर्तमान में, इसे नवाचार के साथ जोड़कर रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जो एक सकारात्मक दिशा में कदम है।
NationPress
10/10/2025

Frequently Asked Questions

माटीकला महोत्सव कब शुरू हुआ?
माटीकला महोत्सव 2025 का शुभारंभ 10 अक्टूबर, 2023 को लखनऊ में हुआ।
इस महोत्सव में कितने कारीगरों को सहायता दी गई?
इस महोत्सव में 10 कारीगरों को निःशुल्क विद्युत चालित चाक और 2 कारीगरों को पगमिल मशीन प्रदान की गई।
माटीकला बोर्ड की स्थापना कब हुई थी?
माटीकला बोर्ड की स्थापना 19 जुलाई, 2018 को की गई थी।
माटीकला महोत्सव का उद्देश्य क्या है?
इस महोत्सव का उद्देश्य परंपरागत उद्योगों को संरक्षित करना और कारीगरों को रोजगार से जोड़ना है।
माटीकला में कितने लाभार्थियों को ऋण स्वीकृत किया गया है?
पिछले छह वर्षों में 1,114 लाभार्थियों को ऋण स्वीकृत किया गया है।