क्या पश्चिम बंगाल में साइबर क्राइम का आरोपी गिरफ्तार हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- साइबर धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ रही हैं।
- आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करें।
- सतर्क रहें और अपने व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा करें।
- पुलिस कार्रवाई जारी है।
- साइबर अपराधियों के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है।
हुगली, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के हुगली में ऑनलाइन साइबर धोखाधड़ी के आरोप में पांडुआ पुलिस को महत्वपूर्ण सफलता मिली है। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। उसे चुंचुरा कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। आरोपी की पहचान मोहम्मद अफसर के रूप में हुई है। पुलिस ने उसके पास से कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड और नकदी बरामद की है।
जानकारी के अनुसार, आरोपी मोहम्मद अफसर पांडुआ के सेखपुकुर बालीखाड़ क्षेत्र का निवासी है। यह धोखाधड़ी एक तीन मंजिला मकान की दूसरी मंजिल पर एक कमरे को किराए पर लेकर की गई। पुलिस ने आरोपी के पास से 23 सिम कार्ड, 8 मोबाइल फोन, चार नए मोबाइल फोन और 50,000 नकद बरामद किए।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कल्याण सरकार ने शनिवार को मीडिया को बताया कि 16 जुलाई को पांडुआ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ। जांच से पता चला कि गिरफ्तार व्यक्ति ने बिग बास्केट नामक एक स्थापित कंपनी की नकल करके एक फर्जी ऑनलाइन मार्केटिंग वेबसाइट बनाई थी। इसके बाद उसने फेसबुक पर विज्ञापनों के माध्यम से इसका प्रचार शुरू किया ताकि लोग उस ऑनलाइन साइट पर खरीदारी करते रहें। इस वेबसाइट के जरिए शातिर ने लोगों की बैंक और कार्ड से आवश्यक जानकारियां हासिल कीं।
उन्होंने बताया कि आरोपी इस जानकारी का उपयोग करके लोगों के खातों से नकदी निकालता था। वह लगभग दो महीने से यह धंधा चला रहा था। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या इस ऑनलाइन ठगी के मामले में कोई और शामिल है और यह ऑनलाइन धोखाधड़ी कैसे की गई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया है।
पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में साइबर क्राइम से जुड़ी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। विशेषकर झारखंड की सीमा से सटे जिलों में पुलिस लगातार दबिश देती है और साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करती है। इसके बावजूद शातिर नए हथकंडे अपनाकर लोगों से ठगी कर रहे हैं।
यह ताजा मामला ऑनलाइन साइट से खरीदारी करने वालों के लिए एक सबक है। यदि आप भी ऑनलाइन खरीदारी करते हैं तो आधिकारिक वेबसाइट का ही उपयोग करें। अन्यथा आप किसी साइबर ठग के हाथों अपनी गाढ़ी पूंजी गंवा सकते हैं।