क्या ज्योतिर्मय सिंह महतो ने गृह मंत्री शाह का समर्थन किया? बांग्लादेश से घुसपैठ की समस्या

सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश से मुस्लिम घुसपैठ एक गंभीर समस्या है।
- राज्य सरकार का सहयोग न मिलना सीमा सुरक्षा में बाधा है।
- सीएए का उद्देश्य धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोगों को नागरिकता देना है।
पुरुलिया, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए पुरुलिया के सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने कहा कि देश में लगातार हो रही मुस्लिम घुसपैठ चिंता का विषय है, और इसका एक बड़ा कारण राज्य सरकार का सहयोग न मिलना है।
अमित शाह ने अपने भाषण में यह उल्लेख किया था कि देश में मुस्लिम आबादी में 24.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि हिंदू आबादी में 4.5 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने इस असंतुलन को पाकिस्तान और बांग्लादेश से हो रही अवैध घुसपैठ से जोड़ा।
इस पर सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने कहा, "गृह मंत्री ने बिल्कुल सही कहा है कि घुसपैठ लगातार हो रही है। राज्य सरकार के सहयोग की कमी के कारण सीमा पर फेंसिंग का कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। यही वजह है कि बांग्लादेश से बड़ी संख्या में मुस्लिम घुसपैठ हो रही है।"
महतो ने यह भी बताया कि वह जब से छात्र परिषद में थे, तब से इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे हैं और अब भी यह समस्या गंभीर बनी हुई है। उन्होंने राज्य सरकार पर घुसपैठ को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
गृह मंत्री अमित शाह ने यह स्पष्ट किया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नागरिकता छीनने के लिए नहीं, बल्कि नागरिकता देने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस कानून को लेकर लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है।
ज्योतिर्मय सिंह महतो ने कहा, "सीएए बिल संसद में पास हो चुका है। यदि किसी को इसके बारे में जानकारी नहीं है, तो उन्हें इसे ध्यान से पढ़ना चाहिए। यह कानून उन लोगों (अल्पसंख्यकों) के लिए है जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं।"
उन्होंने कहा कि विपक्षी दल इस कानून को लेकर झूठा प्रचार कर रहे हैं और अल्पसंख्यक समुदाय को गुमराह कर रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीनता, बल्कि पीड़ितों को संवैधानिक सुरक्षा प्रदान करता है।