क्या पश्चिम बंगाल में शेख शाहजहां केस के गवाह पर संदिग्ध हमला हुआ है?
सारांश
Key Takeaways
- शेख शाहजहां केस के गवाह पर संदिग्ध हमला हुआ है।
- घटना ने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- गवाह की स्थिति नाजुक है।
- हमले के पीछे सीबीआई की वांछित सूची में शामिल व्यक्ति का हाथ हो सकता है।
कोलकाता, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट के माध्यम से पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासनकाल में हो रही घटनाओं को उजागर करते हुए शेख शाहजहां केस से जुड़े एक गवाह के साथ हुई घटना का उल्लेख किया। उनका कहना है कि यह घटना राज्य में न्याय की प्रक्रिया पर गंभीर प्रश्न खड़ी करती है।
यह दुखद घटना पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके में घटित हुई, जहां शेख शाहजहां केस के मुख्य गवाह को गंभीर चोटें आईं। इस घटना में दो अन्य व्यक्तियों की भी जान चली गई।
घटना सुबह लगभग सात बजे नजात इलाके में हुई, जब गवाह अपने बेटे के साथ कोर्ट में गवाही देने के लिए बसंती रोड की ओर जा रहा था। अचानक, दूसरी दिशा से आ रहे एक ट्रक ने उसकी कार को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयंकर थी कि भोला घोष के बेटे और चालक की मौके पर ही मृत्यु हो गई। भोला घोष को पहले स्थानीय मिनाखान अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें कोलकाता के एक बड़े अस्पताल में स्थानांतरित किया गया। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी स्थिति अब भी नाजुक बनी हुई है।
अमित मालवीय ने अपने पोस्ट में यह भी दावा किया कि ट्रक को शेख शाहजहां का करीबी अब्दुल हलीम मोल्ला चला रहा था, जो अपने साथी नजरुल मोल्ला के साथ मौजूद था।
मालवीय के अनुसार, अब्दुल हलीम मोल्ला लंबे समय से सीबीआई की वांछित सूची में भगोड़े के रूप में दर्ज है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जेल में बंद शेख शाहजहां गवाहों को एक-एक करके निशाना बना रहा है ताकि मामला कमजोर हो सके। उन्होंने यह सवाल उठाया कि क्या इस सब के पीछे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का संरक्षण है, क्योंकि राज्य की पुलिस और प्रशासन इस मामले में मौन हैं।