क्या पठानकोट में बाढ़ के बाद स्थिति सामान्य हो रही है?

सारांश
Key Takeaways
- पठानकोट में बाढ़ के बाद हालात सामान्य होने लगे हैं।
- स्कूलों में पढ़ाई फिर से शुरू होने की तैयारी की जा रही है।
- छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्कूलों को बहाल किया जाएगा।
- बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविर चलाए जा रहे हैं।
- आने वाले दिनों में मौसम खराब होने की संभावना है, सतर्क रहें।
पठानकोट, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के पठानकोट जिले में बाढ़ और भारी बारिश के बाद स्थिति अब सामान्य होने की दिशा में बढ़ रही है। पिछले दो हफ्तों से बंद सरकारी स्कूल और कॉलेजों में फिर से पढ़ाई शुरू होने की संभावना है। शिक्षकों ने बंद कमरों की सफाई का काम शुरू कर दिया है और भवनों का निरीक्षण किया जा रहा है। बाढ़ के कारण स्कूलों को काफी नुकसान हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ही स्कूलों को पूरी तरह से बहाल किया जाएगा।
स्कूल ऑफ एमिनेंस लमीनी की प्रिंसिपल मोनिका ने कहा कि बारिश के कारण इमारत को काफी नुकसान हुआ है। हम अभी नुकसान का आकलन कर रहे हैं। हर क्लास के इंचार्ज क्लासरूम की वीडियोग्राफी कर रहे हैं और रिपोर्ट डीईओ कार्यालय को भेजेंगे।
उन्होंने बताया कि स्कूल के कई कमरों की छतें टपक रही हैं और कुछ स्थानों पर प्लास्टर गिर गए हैं। स्पोर्ट्स लैब में पानी भरने से सामान खराब हो गए हैं। छात्रों के लौटने से पहले सब कुछ ठीक करना आवश्यक है।
शहीद मक्खन सिंह सीनियर सेकेंडरी गर्ल्स स्कूल की प्रिंसिपल मीनम शिखा ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "बारिश के बाद स्कूल खोला गया है। लेकिन, छात्रों के लिए मंगलवार से पढ़ाई शुरू होगी। पहले शिक्षक ही भवन का निरीक्षण कर रहे हैं। हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि इमारत छात्रों और स्टाफ के लिए सुरक्षित हो।"
उन्होंने कहा कि निरीक्षण के बाद रिपोर्ट डीईओ को सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर स्कूल पूरी तरह से खोलने का निर्णय लिया जाएगा। मैं बहुत खुश हूं कि इतने दिनों बाद स्कूल खुला। पंजाब के मौजूदा हालात को देखते हुए यह उम्मीद नहीं थी, लेकिन सभी स्टाफ सुरक्षित पहुंच गए। छात्रों की सुरक्षा सबसे पहले है। इसके बाद पढ़ाई सामान्य हो सकेगी।
राकेश पिठानिया ने कहा, "भारी बारिश ने पंजाब को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, विशेषकर सीमावर्ती इलाकों में जलभराव ने लोगों को परेशान कर दिया। लेकिन, सब एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। हम देख रहे हैं कि भवन बच्चों के लिए सुरक्षित है या नहीं। बिजली के उपकरणों का निरीक्षण हो रहा है, शॉर्ट सर्किट से बचाव के इंतजाम किए जा रहे हैं। जो पढ़ाई छूट गई, उसकी भरपाई करेंगे।"
डीईओ कार्यालय ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि भवनों की फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना छात्रों को न बुलाया जाए। वहीं, जिला प्रशासन ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में मौसम फिर खराब हो सकता है, इसलिए सतर्क रहने की आवश्यकता है।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में अधिकांश स्कूल पूरी क्षमता से चलने लगेंगे। बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए भी राहत शिविर चलाए जा रहे हैं।