क्या पटना जिला प्रशासन ने बिहार के डिप्टी सीएम को दो वोटर कार्ड मामले में पत्र भेजा?

सारांश
Key Takeaways
- पटना जिला प्रशासन ने उप मुख्यमंत्री से जवाब मांगा है।
- 14 अगस्त का समय जवाब देने के लिए निर्धारित किया गया है।
- तेजस्वी यादव ने दो इपिक नंबर रखने का आरोप लगाया है।
पटना, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पटना जिला प्रशासन ने दो मतदाता पहचान पत्र के मामले में बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा को पत्र भेजकर जवाब मांगा है। इस मामले में डिप्टी सीएम को 14 अगस्त की शाम 5 बजे तक का समय दिया गया है।
पटना जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि 1 अगस्त को प्रकाशित प्रारूप निर्वाचक सूची में दो विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की वोटर लिस्ट में नाम रखने के संबंध में उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा को यह पत्र जारी किया गया है।
पत्र में कहा गया है कि आपका नाम विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 के बाद प्रकाशित प्रारूप निर्वाचक सूची में 182-बांकीपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदान केंद्र नंबर-405 की मतदाता सूची क्रम संख्या 757 में इंपिक नंबर- एएफएस0853341 पर अंकित है और इसके अतिरिक्त 108-लखीसराय विधान सभा क्षेत्र, लखीसराय में भी ईपिक नंबर- आईएएफ3939337 अंकित है। इसके साथ ही विशेष गहन पुनरीक्षण के पूर्व में भी दोनों जगह आपका नाम अंकित पाया गया।
पटना जिला प्रशासन ने कहा कि इस मामले में विजय कुमार सिन्हा से अपेक्षा की जाती है कि वे 14 अगस्त की शाम 5 बजे तक अपना जवाब प्रस्तुत करें, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
इससे पहले बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने उप मुख्यमंत्री पर दो इपिक नंबर रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका नाम दो विधानसभा बांकीपुर और लखीसराय मतदाता सूची में है। इसका मतलब है कि उन्होंने दो जगह से मतदाता पुनरीक्षण कार्य का फॉर्म भरा।
तेजस्वी यादव ने पटना में आयोजित एक प्रेस वार्ता में इसके सबूत प्रस्तुत करते हुए कहा कि विजय कुमार सिन्हा ने दोनों विधानसभा क्षेत्रों से अपना एसआईआर फॉर्म भरा है। उन्होंने चुनावी हलफनामे में भी बांकीपुर विधानसभा का उल्लेख किया। लेकिन, चौंकाने वाली बात यह है कि बांकीपुर के अलावा उन्होंने लखीसराय से भी अपना फॉर्म भर दिया। इतना ही नहीं, दोनों फॉर्म में उनकी उम्र भी अलग-अलग है। इन दोनों फॉर्म में उप मुख्यमंत्री ने खुद हस्ताक्षर किए होंगे। अगर नहीं किया है तो फिर चुनाव आयोग एसआईआर में फर्जीवाड़ा कर रहा है। चुनाव आयोग को इसकी जांच करनी चाहिए और डिप्टी सीएम को जवाब देना चाहिए।