क्या पटना में वाटर मेट्रो का रास्ता खुल गया है?

सारांश
Key Takeaways
- जल मेट्रो सेवा का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना है।
- शहरी जल परिवहन प्रणाली का विकास हो रहा है।
- जलयान में 100 यात्रियों की क्षमता होगी।
- शून्य कार्बन उत्सर्जन का उद्देश्य है।
- जल मेट्रो दीघा घाट से कंगन घाट तक चलेगी।
पटना, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के निवासियों के लिए अब जल मेट्रो का आनंद लेना जल्द ही संभव होने वाला है। पटना में जल मेट्रो सेवा आरंभ करने के लिए बिहार सरकार के पर्यटन विभाग और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
इसका मुख्य उद्देश्य पटना शहर में पर्यटन अनुकूल शहरी जल परिवहन प्रणाली का विकास करना है, जिससे नागरिकों को सुरक्षित, पर्यावरण के अनुकूल और आधुनिक परिवहन विकल्प मिल सकें। बिहार पर्यटन विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह समझौता पत्र गुजरात के भावनगर में संपन्न हुआ।
इस परियोजना के अंतर्गत अत्याधुनिक हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कैटामरान जलयान 'एम वी निषादराज' जैसे जलयानों का संचालन किया जाएगा, जो बैटरी और हाइब्रिड मोड में चलने में सक्षम हैं। यह जलयान न केवल शून्य कार्बन उत्सर्जन सुनिश्चित करेगा, बल्कि यह करीब 100 यात्रियों की क्षमता रखता है, जिनमें दो व्हीलचेयर उपयोगकर्ता भी शामिल हैं। यात्रियों के लिए पूरी तरह से वातानुकूलित और आरामदायक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
इस महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल और मनसुख मांडवीय की उपस्थिति में 908 करोड़ रुपए की लागत से शहरी जल मेट्रो परियोजना के विकास के लिए हस्ताक्षर किए गए। आईडब्लूएआई के चेयरमैन सुनील कुमार सिंह और बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक नंद किशोर ने इस पर हस्ताक्षर किए।
बिहार के पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह ने कहा कि यह परियोजना पटना में पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक होगी। यह शहरी परिवहन क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है, जिससे पटना के नागरिकों और पर्यटकों को जलमार्ग के माध्यम से स्मार्ट, सुरक्षित और टिकाऊ यात्रा का अनुभव मिलेगा। पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि शहरी वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत पटना में दीघा घाट से लेकर कंगन घाट तक जल मेट्रो का संचालन किया जाएगा।
यह जल मेट्रो दीघा पर्यटन घाट से खुलकर एनआईटी घाट और गायघाट होते हुए कंगन घाट तक जाएगी। इसका पटना से शीघ्र ही ट्रायल किया जाएगा। भविष्य में दस और स्थान चिन्हित किए जाने की योजना है, जिससे शहर के जल पर्यटन सिस्टम में सुधार आने की उम्मीद है और प्रदूषण तथा यात्रा समय में कमी आएगी।
इसके साथ ही, यह पहल पर्यटन और स्थानीय विकास को नई दिशा देगी। पटना देश के 18 प्रमुख शहरों में शामिल है, जहां दक्ष और आधुनिक शहरी जल परिवहन प्रणाली विकसित की जा रही है।