क्या एच-1बी वीजा पर व्हाइट हाउस का स्पष्टीकरण है? नया शुल्क केवल नए वीजा पर लागू होगा, रिन्यूअल पर नहीं (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

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क्या एच-1बी वीजा पर व्हाइट हाउस का स्पष्टीकरण है? नया शुल्क केवल नए वीजा पर लागू होगा, रिन्यूअल पर नहीं (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

सारांश

व्हाइट हाउस ने एच-1बी वीजा पर नए शुल्क के संबंध में स्पष्टता दी है। जानिए यह शुल्क केवल नए आवेदनों पर लागू होगा, जबकि मौजूदा वीजा धारकों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। यह कदम अमेरिकी कामगारों के लिए एक सकारात्मक दिशा में है।

Key Takeaways

  • नया शुल्क केवल नए वीजा आवेदनों पर लागू होगा।
  • यह नीति कंपनियों को स्पैम करने से रोकने के लिए है।
  • अमेरिकी कामगारों को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • भारत के श्रमिकों को 73 प्रतिशत एच-1बी वीजा स्वीकृति मिली।
  • कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को 1,00,000 डॉलर का भुगतान करना होगा।

वाशिंगटन, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा कार्यक्रम में शुल्क बढ़ाने के संबंध में हस्ताक्षर करने के एक दिन बाद, व्हाइट हाउस ने शनिवार को एक स्पष्टता प्रदान की। व्हाइट हाउस ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि यह एक 'एकमुश्त शुल्क' है, जो केवल नए वीजा आवेदकों पर लागू होता है, न कि रिन्यूअल (नवीनीकरण) या मौजूदा वीजा धारकों पर।

व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "यह एकमुश्त शुल्क है जो केवल नए आवेदनकर्ताओं पर लागू होती है। यह केवल नए वीजा पर लागू होगा, नवीनीकरण या मौजूदा वीजा धारकों पर नहीं। यह पहली बार आगामी लॉटरी चक्र में लागू होगा।"

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि यह नीति कंपनियों को सिस्टम में स्पैम करने से रोकने के लिए बनाई गई है।

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता टेलर रोजर्स ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी कामगारों को प्राथमिकता देने का वादा किया था और यह व्यावहारिक कदम कंपनियों को स्पैम करने और वेतन कम करने से रोकने में मदद करेगा। यह उन अमेरिकी व्यवसायों को भी निश्चितता देता है, जो वास्तव में हमारे देश में उच्च-कुशल श्रमिकों को लाना चाहते हैं, लेकिन सिस्टम के दुरुपयोग के कारण उन्हें नुकसान हुआ है।"

शुक्रवार को व्हाइट हाउस में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा कि यह प्रोत्साहन अमेरिकी कामगारों को नियुक्त करने के लिए है।

ट्रंप ने आगे कहा, "हमें कामगारों की आवश्यकता है। हमें अच्छे कामगारों की आवश्यकता है और यह काफी हद तक इसकी पुष्टि करता है।"

वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने भी ट्रंप के इस निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि यह नीति कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने से रोकने में मदद करेगी।

उन्होंने समझाया, "पूरा विचार यह है कि अब ये बड़ी टेक कंपनियां विदेशी कर्मचारियों को प्रशिक्षित नहीं करेंगी। उन्हें सरकार को 1,00,000 डॉलर का भुगतान करना होगा, फिर उन्हें कर्मचारी को भुगतान करना होगा। इसलिए, यह आर्थिक रूप से लाभदायक नहीं है। आप किसी को प्रशिक्षित करने जा रहे हैं। आप हमारे देश के किसी विश्वविद्यालय से हाल ही में स्नातक हुए किसी व्यक्ति को प्रशिक्षित करने जा रहे हैं, अमेरिकियों को प्रशिक्षित करने जा रहे हैं। हमारी नौकरियां छीनने के लिए लोगों को लाना बंद करें। यही यहां की नीति है, एच-1बी वीजा के लिए प्रति वर्ष 1,00,000 डॉलर।"

प्यू रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, भारत में जन्मे श्रमिकों को 2023 में स्वीकृत कुल एच-1बी वीजा का लगभग 73 प्रतिशत प्राप्त हुआ, जबकि चीन को 12 प्रतिशत मिला, जिसका मुख्य कारण स्वीकृतियों में भारी देरी और भारत से कुशल प्रवासियों की अधिक संख्या है।

Point of View

बल्कि यह कंपनियों को स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित करेगा। यह नीति निश्चित रूप से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने में सहायक साबित होगी।
NationPress
20/09/2025

Frequently Asked Questions

एच-1बी वीजा पर नया शुल्क कब से लागू होगा?
नया शुल्क आगामी लॉटरी चक्र से लागू होगा।
क्या यह शुल्क मौजूदा वीजा धारकों पर लागू होगा?
नहीं, यह शुल्क केवल नए आवेदकों पर लागू होगा।
इस नीति का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य अमेरिकी कामगारों को प्राथमिकता देना और कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने से हतोत्साहित करना है।
भारत के श्रमिकों को एच-1बी वीजा में कितनी स्वीकृति मिली?
भारत में जन्मे श्रमिकों को 2023 में स्वीकृत कुल एच-1बी वीजा का लगभग 73 प्रतिशत प्राप्त हुआ।
इस नीति के तहत कंपनियों को क्या करना होगा?
कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए सरकार को 1,00,000 डॉलर का भुगतान करना होगा।