क्या पवन बंसल ने पीएम मोदी की स्वदेशी अपनाने की अपील पर सवाल उठाते हुए चीन से आयात पर चिंता जताई?

सारांश
Key Takeaways
- स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
- चीन से आयात को रोकने के कदम उठाने चाहिए।
- खादी उद्योग को सरकारी समर्थन की जरूरत है।
- आरएसएस का नाम लेना विवादास्पद हो सकता है।
- बाढ़ राहत में केन्द्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं।
चंडीगढ़, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पीएम मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 126वें एपिसोड में देशवासियों से 2 अक्टूबर को खादी उत्पाद खरीदने की अपील की और 'गर्व से कहें, हम स्वदेशी हैं' का नारा दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन बंसल ने इसकी सराहना की और कहा कि खादी को बढ़ावा देना सबसे अच्छी बात है।
चंडीगढ़ में राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने सरकार से खादी उद्योग को समर्थन देने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। बंसल ने कहा कि गांधीजी की भावनाएं आजादी की लड़ाई के दौरान खादी के रूप में सामने आई थीं, जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा था।
पवन बंसल ने पीएम मोदी की स्वदेशी अपनाने की अपील पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिवाली पर भगवान की मूर्तियां और लाइट की मालाएं ज्यादातर चीन से आयात की जाती हैं, जिन्हें तुरंत बंद किया जाना चाहिए।
मन की बात में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तारीफ पर बंसल ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को लाल किले से पीएम मोदी ने आरएसएस का नाम लिया था, जो नहीं लेना चाहिए था। बंसल ने कहा कि अब फिर से नाम लेने से कोई खास फर्क नहीं पड़ता, लेकिन उस दिन नाम लेना अनुचित था।
उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस ने समाज में ध्रुवीकरण का काम किया है। बंसल ने यह भी कहा कि पीएम मोदी ने 75 वर्ष की आयु सीमा में रिटायरमेंट से बचने के लिए 15 अगस्त को आरएसएस का नाम लिया था, ताकि संगठन को खुश किया जा सके। उन्होंने कहा कि पंजाब में बाढ़ के दौरान लोग मुश्किल में थे, लेकिन केंद्र सरकार ने कोई सहायता नहीं दी।
उन्होंने कहा कि पटना में 7 हजार करोड़ रुपये की घोषणा की गई, लेकिन पंजाब के लिए कुछ नहीं सोचा गया। बंसल ने यह भी कहा कि उन्हें पंजाब में आरएसएस के लोगों द्वारा किए गए किसी काम की जानकारी नहीं है, और मन की बात में पंजाब के लोगों का जिक्र नहीं किया गया। इससे उन्हें बहुत दुख हुआ है।