क्या फिलीपींस के राष्ट्रपति मार्कोस भारत दौरे पर रक्षा और व्यापार संबंधों को मजबूत करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- फिलीपींस के राष्ट्रपति भारत दौरे पर आ रहे हैं।
- रक्षा और व्यापार संबंधों को मजबूत किया जाएगा।
- यह यात्रा 75वीं वर्षगांठ पर हो रही है।
- ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की खरीद को लेकर महत्वपूर्ण है।
- समुद्री सुरक्षा पर सहयोग बढ़ने की संभावना है।
नई दिल्ली, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर मार्कोस जूनियर आज से शुरू होने वाली पांच दिवसीय राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुँच रहे हैं। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और फिलीपींस के बीच रक्षा और व्यापार संबंधों को और अधिक मजबूत करना है।
यह उनकी पहली आधिकारिक यात्रा है, जब से उन्होंने 2022 में पदभार ग्रहण किया।
राष्ट्रपति मार्कोस सोमवार दोपहर नई दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुँचेंगे। उनके साथ उनकी पत्नी लुईस अरनेटा मार्कोस और कई कैबिनेट मंत्री तथा व्यवसायिक नेता शामिल होंगे। यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर हो रही है, जो इसे और महत्वपूर्ण बनाती है।
इस यात्रा का परिणाम समुद्री सुरक्षा में सहयोग को बढ़ाने के रूप में देखने की संभावना है।
यह ध्यान देने योग्य है कि फिलीपींस भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली खरीदने वाला पहला विदेशी देश है। ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप 19 अप्रैल, 2024 को फिलीपींस को सौंपी गई।
राष्ट्रपति मार्कोस 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलेंगे।
फिलीपींस के राष्ट्रपति की 8 अगस्तबेंगलुरु जाने की संभावना है।
भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, फिलीपींस भारत की एक्ट ईस्ट नीति, विजन महासागर और इंडो-पैसिफिक रणनीति में एक महत्वपूर्ण साझेदार है। दोनों देशों के बीच रिश्ते न केवल रणनीतिक हितों पर आधारित हैं, बल्कि गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर भी आधारित हैं।
भारत और फिलीपींस के बीच राजनयिक संबंध नवंबर 1949 में स्थापित हुए थे। 1992 में भारत की 'लुक ईस्ट नीति' के साथ संबंधों में वृद्धि हुई, खासकर आसियान सहयोग के माध्यम से।
राष्ट्रपति मार्कोस और प्रधानमंत्री मोदी ने पहले भी अक्टूबर 2024 में लाओस में मिलने का अवसर पाया है।