क्या आप पाइल्स की समस्या को आमंत्रित कर रहे हैं? ये हैं लक्षण
सारांश
Key Takeaways
- पाइल्स एक आम स्वास्थ्य समस्या है।
- प्रारंभिक लक्षणों की पहचान आवश्यक है।
- सही आहार और जीवनशैली से बचाव संभव है।
- शर्म से बचें, स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
नई दिल्ली, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बवासीर या पाइल्स एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें व्यक्ति को अत्यधिक दर्द का सामना करना पड़ता है। आयुर्वेद में इसे अर्श रोग कहा जाता है। यह गुदा या मलाशय की नसों में सूजन से उत्पन्न होती है। अधिकतर लोग शर्म के कारण इसे छुपाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप समस्या बढ़ जाती है और कभी-कभी सर्जरी की आवश्यकता तक आ जाती है।
पाइल्स के मरीजों को अत्यधिक दर्द और कष्ट भोगना पड़ता है। चलने और बैठने में भी उन्हें कठिनाई होती है। ऐसे में, प्रारंभिक लक्षणों को पहचानकर और सावधानी बरतकर इससे निपटने में मदद मिल सकती है।
बवासीर मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है: इंटरनल पाइल्स और एक्सटर्नल पाइल्स। इंटरनल पाइल्स मलाशय के अंदर होती है, जिससे शुरुआत में दर्द नहीं होता। इसके लक्षणों में शौच के समय खून आना, मल साफ न होने का एहसास और बाद में मस्सा बाहर आना शामिल हैं। वहीं, एक्सटर्नल पाइल्स गुदा के बाहर होती हैं, जिसमें गुदा के पास गांठ या सूजन, बैठने-चलने में दर्द, खुजली और जलन प्रमुख लक्षण हैं। कभी-कभी खून भी निकल सकता है।
बवासीर के मुख्य कारणों में लंबे समय तक कब्ज रहना, शौच में अधिक जोर लगाना, कम पानी पीना, फाइबर की कमी वाला आहार, अधिक मसालेदार और तला-भुना खाना, लंबे समय तक बैठे रहना, मोटापा और गर्भावस्था शामिल हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, यह दोषों के असंतुलन, मंदाग्नि और वायु के विकार के कारण होता है। गलत आहार-विहार इससे स्थिति को और बिगाड़ता है।
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि पाइल्स से बचाव बेहद आवश्यक है। ऐसे में, पाइल्स के प्रारंभिक लक्षणों को कभी नज़रअंदाज़ न करें, जैसे कि शौच में हल्की जलन, खून की बूंदें, गुदा क्षेत्र में भारीपन, खुजली या असहजता। इन संकेतों पर समय रहते ध्यान देने से समस्या को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। देरी से दर्द, खून और जटिलताएँ बढ़ती हैं।
आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि बवासीर कोई शर्म की बीमारी नहीं है, बल्कि यह जीवनशैली से जुड़ी एक समस्या है। ऐसे में, जागरूकता इसका पहला इलाज है। पाइल्स के लिए सावधानी बरतकर सही और संतुलित आहार अपनाकर इसे रोका जा सकता है।