क्या पीयूष गोयल ने एफटीए पर बातचीत तेज करने के लिए ईयू के अधिकारियों से मुलाकात की?

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क्या पीयूष गोयल ने एफटीए पर बातचीत तेज करने के लिए ईयू के अधिकारियों से मुलाकात की?

सारांश

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यूरोपीय संघ के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें एफटीए पर बातचीत को तेज करने का संकल्प लिया गया। इस बैठक का उद्देश्य व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना और नए अवसरों का निर्माण करना है। जानिए इस बैठक में क्या तय हुआ।

Key Takeaways

  • एफटीए पर बातचीत को तेज करने का संकल्प
  • व्यापारिक अवसरों का निर्माण
  • भारत और यूरोपीय संघ का साझा विकास

नई दिल्ली, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को यूरोपीय संघ के कृषि एवं खाद्य आयुक्त क्रिस्टोफ हैनसेन और व्यापार एवं आर्थिक सुरक्षा आयुक्त मारोस सेफ्कोविक के साथ-साथ यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के अन्य अधिकारियों से मुलाकात की। यह मुलाकात एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को शीघ्रता से संपन्न करने के प्रयासों के तहत हुई।

गोयल ने कहा, "हम एक संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए प्राप्त करने, व्यवसायों के लिए नए रास्ते खोलने और भारत एवं यूरोपीय संघ के साझा विकास के अवसरों को अधिकतम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

भारत-यूरोपीय संघ एफटीए वार्ता के 13वें दौर के अवसर पर एक्स पर एक पोस्ट में गोयल ने कहा, "भारत-यूरोपीय संघ एफटीए वार्ता जारी रहने के साथ, हमने इसके शीघ्र समापन के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता दोहराई। एक संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए दोनों पक्षों के लोगों और व्यवसायों के लिए नए अवसर खोलेगा।"

उन्होंने आगे कहा, "हम जिस मुक्त व्यापार समझौते को प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं, उससे भारत और यूरोपीय संघ दोनों को अत्यधिक लाभ होगा।"

हाल की बैठकों के दौरान, भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि व्यापार वार्ता में सार्थक प्रगति के लिए टैरिफ चर्चाओं के साथ-साथ गैर-टैरिफ बाधाओं (एनटीबी) पर भी समान ध्यान देना आवश्यक है। साथ ही, नियामक ढांचा समावेशी और आनुपातिक होना चाहिए और व्यापार को प्रतिबंधित करने से बचना चाहिए।

दोनों पक्षों ने सीमा शुल्क, व्यापार सुगमता, डिजिटल व्यापार और पूंजी संचलन सहित 11 अध्यायों को अंतिम रूप दे दिया है, लेकिन उत्पत्ति के नियमों, बाजार पहुंच और वाइन व डेयरी जैसे उत्पादों पर टैरिफ को लेकर अभी भी महत्वपूर्ण मतभेद बने हुए हैं।

यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसका द्विपक्षीय वस्तु व्यापार 2023-24 में 135 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। एफटीए वार्ता का 13वां दौर इस सप्ताह नई दिल्ली में होगा, जिसके बाद ब्रुसेल्स में एक और दौर होगा।

ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) के कार्यक्रम में बोलते हुए, गोयल ने प्रस्तावित एफटीए के ऑटो उद्योग के लिए लाभकारी होने का विश्वास व्यक्त किया।

मंत्री ने कहा, "मुझे विश्वास है कि ऑटो उद्योग को हमारे द्वारा प्रस्तुत की गई व्यवस्थाएं बहुत ही आकर्षक, रोमांचक और प्रभावी होंगी, जिससे आपके प्रत्येक व्यवसाय का विकास होगा, यूरोप और दुनिया के अन्य हिस्सों के साझेदारों के साथ सहयोग होगा, और भारत में नवाचार, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा मिलेगा।"

इस बीच, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को अध्यक्ष डेल्फिन प्रोंक के नेतृत्व में यूरोपीय संघ की राजनीतिक एवं सुरक्षा समिति (पीएससी) के प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की।

एक्स पर एक पोस्ट में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने आज अध्यक्ष डेल्फिन प्रोंक के नेतृत्व में यूरोपीय संघ की राजनीतिक एवं सुरक्षा समिति (पीएससी) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की, जो एशिया की अपनी पहली यात्रा पर आया था। चर्चा भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी के तहत सुरक्षा और रक्षा सहयोग को गहरा करने और नवीनतम क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों पर विचारों के आदान-प्रदान पर केंद्रित रही।

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत वैश्विक व्यापार में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। एफटीए के माध्यम से भारत और यूरोपीय संघ के बीच नए व्यावासिक अवसरों का निर्माण होगा, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
NationPress
12/09/2025

Frequently Asked Questions

एफटीए क्या है?
एफटीए का मतलब मुक्त व्यापार समझौता है, जो दो या दो से अधिक देशों के बीच व्यापार बाधाओं को कम करने का प्रयास करता है।
भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापारिक संबंधों का क्या महत्व है?
भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापारिक संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह दोनों के लिए आर्थिक विकास और रोजगार के नए अवसर प्रदान करता है।
क्या इस बैठक से व्यापार बढ़ेगा?
हां, इस बैठक से व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने और नए अवसरों के निर्माण में मदद मिलेगी।