क्या पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू के बीच हुई बैठक महत्वपूर्ण है।
- भारत और जापान के बीच विशेष साझेदारी की चर्चा हुई।
- भारत ने जापान से 10 ट्रिलियन येन निवेश का लक्ष्य रखा है।
- पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति से भी मुलाकात की।
- सभी पक्षों ने शांति और स्थिरता
नई दिल्ली, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भेंट की। यह जानकारी राष्ट्रपति भवन की ओर से दी गई है।
राष्ट्रपति भवन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस मुलाकात की एक तस्वीर भी साझा की गई है। उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी जापान और चीन की यात्रा से लौटने के कुछ दिन बाद राष्ट्रपति भवन पहुंचे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने भारत-जापान के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। पीएम मोदी ने कहा था कि भारत और जापान न केवल दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं, बल्कि जीवंत लोकतंत्र भी हैं। इसलिए उनकी साझेदारी केवल द्विपक्षीय हितों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी अहम है। भारत ने अगले दस वर्षों में जापान से 10 ट्रिलियन येन का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पीएम मोदी ने कहा कि यह कदम दोनों देशों की प्रतिबद्धता और विश्वास को दर्शाता है।
जापान की यात्रा के बाद, पीएम मोदी चीन गए, जहाँ उन्होंने 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक बैठक की थी। इस संबंध में पीएम मोदी ने बताया कि दोनों पक्षों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर सहमति जताई। पीएम मोदी ने इस मुलाकात से संबंधित तस्वीर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा किया।
पीएम मोदी ने लिखा, "एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक सार्थक बैठक हुई। हमने कजान में पिछली बैठक के बाद भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक प्रगति की समीक्षा की। हम सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर सहमति जताते हैं और पारस्परिक सम्मान, हित और संवेदनशीलता के आधार पर सहयोग के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।"