क्या पीएम मोदी को घाना में मिला सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत की वैश्विक पहचान को और मजबूत करेगा?

सारांश
Key Takeaways
- घाना में पीएम मोदी को मिला सर्वोच्च नागरिक सम्मान
- भारत-घाना के संबंधों में और मजबूती
- 24 देशों से मिले पीएम मोदी को सर्वोच्च सम्मान
- भारत की बढ़ती वैश्विक पहचान
- भारत-अफ्रीका सहयोग पर जोर
नई दिल्ली, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत की अंतरराष्ट्रीय पहचान को मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक कुशलता ने देश को नई ऊंचाइयों पर पहुँचा दिया है। इसका एक ताजा उदाहरण जुलाई में घाना की राजधानी अक्रा में देखने को मिला, जहाँ पीएम मोदी को घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ प्रदान किया गया।
यह सम्मान विदेशी नेताओं को बहुत कम दिया जाता है और यह भारत-घाना के मजबूत रिश्तों का प्रतीक है।
30 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की घाना यात्रा ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा किया।
घाना की संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भारत और घाना का रिश्ता केवल कूटनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आपसी विश्वास और साझा मूल्यों की नींव पर आधारित है। यह सम्मान भारत की जनता के लिए गर्व का क्षण है।”
उन्होंने भारत-अफ्रीका सहयोग, सांस्कृतिक जुड़ाव और विकास की साझा यात्रा पर जोर दिया।
पीएम मोदी को अब तक 24 देशों से सर्वोच्च सम्मान मिल चुके हैं, जो किसी भी भारतीय नेता के लिए एक रिकॉर्ड है।
इनमें रूस का ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू’, यूएई का ‘जायद मेडल’, फ्रांस का ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’, मालदीव का ‘रूल ऑफ इज्जुद्दीन’ और नाइजीरिया, साइप्रस, फिजी जैसे देशों के प्रतिष्ठित पुरस्कार शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने भी उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘चैंपियन ऑफ द अर्थ’ पुरस्कार से सम्मानित किया था। ये सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत और प्रभाव का परिचायक हैं।
पीएम मोदी की अगुवाई में भारत ने ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना को अपनाते हुए वैश्विक दक्षिण की आवाज को मजबूत किया है। उनकी विदेश यात्राएँ नए व्यापारिक अवसर, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम बनी हैं।
घाना का यह सम्मान भारत के वैश्विक नेतृत्व की भूमिका को रेखांकित करता है। पीएम मोदी ने न केवल भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में स्थापित किया, बल्कि वे विकासशील देशों के लिए प्रेरणा बन गए हैं। उनकी कूटनीति ने भारत को वैश्विक मंच पर एक भरोसेमंद और प्रभावशाली साझेदार बना दिया है। यह सम्मान भारत के उभरते कद और विश्वास की गवाही है, जो आने वाले समय में और सशक्त होगा।