क्या पीएम मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को नमन किया? देश कभी उनका योगदान नहीं भूलेगा
सारांश
Key Takeaways
- अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन सुशासन के प्रति समर्पित था।
- उनकी वाणी ने राष्ट्रीय एकता को प्रेरित किया।
- उनका नेतृत्व हमेशा चहुंमुखी विकास के लिए पथ-प्रदर्शक रहेगा।
- अटलजी की जन्म-जयंती हमें प्रेरणा लेने का अवसर देती है।
- उनका आचरण और शालीनता भारतीय राजनीति में एक आदर्श हैं।
नई दिल्ली, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री 'भारत रत्न' अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि अटलजी ने अपना संपूर्ण जीवन सुशासन और राष्ट्र निर्माण को समर्पित किया। उनका व्यक्तित्व, कृतित्व और नेतृत्व देश के चहुंमुखी विकास के लिए पथ-प्रदर्शक बना रहेगा।
मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "देशवासियों के हृदय में बसे पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर सादर नमन। उन्होंने अपने जीवन को सुशासन और राष्ट्र निर्माण के कार्य में समर्पित किया। वे एक प्रखर वक्ता और ओजस्वी कवि के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे। उनका व्यक्तित्व, कृतित्व और नेतृत्व देश के चहुंमुखी विकास के लिए पथ-प्रदर्शक बना रहेगा।"
प्रधानमंत्री मोदी ने एक वीडियो साझा किया है, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी के पुराने भाषण शामिल हैं। उन्होंने कहा, "अटलजी की वाणी केवल भाजपा की आवाज नहीं बन गई थी, बल्कि एक समय ऐसा था जब उनकी आवाज भारत के सामान्य मानवीय आशाओं और आकांक्षाओं की आवाज बन गई थी।"
मोदी ने अपने संदेश में कहा, "यह देश अटलजी के योगदान को कभी नहीं भूल सकता। उनके नेतृत्व में हमने परमाणु शक्ति में भी देश का सिर ऊंचा किया। हर भूमिका में अटलजी ने एक आदर्श स्थापित किया।"
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा, "अटलजी की जन्म-जयंती हम सभी के लिए उनके जीवन से प्रेरणा लेने का एक विशेष अवसर है। उनका आचरण, शालीनता, वैचारिक दृढ़ता और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने का संकल्प भारतीय राजनीति के लिए एक आदर्श मानक है।"
इस अवसर पर पीएम मोदी ने एक सुभाषित साझा किया, जो अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन के एक महत्वपूर्ण पहलू को दर्शाता है ('यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जनः। स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते॥')।