क्या बिहार की धरती चंद्रगुप्त-चाणक्य की है? पीएम मोदी का संकल्प क्या खाली नहीं जाता?

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क्या बिहार की धरती चंद्रगुप्त-चाणक्य की है? पीएम मोदी का संकल्प क्या खाली नहीं जाता?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के गयाजी में विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए चंद्रगुप्त और चाणक्य की धरती का महत्व बताया। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ अपने संकल्प को भी साझा किया, जो अब पूरा हो चुका है। जानें इस कार्यक्रम में क्या-क्या हुआ।

Key Takeaways

  • बिहार की धरती पर विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया।
  • प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ संकल्प लिया।
  • केंद्र सरकार ने रोजगार योजना की घोषणा की।
  • बिहार का विकास एनडीए सरकार की प्राथमिकता है।
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ नया कानून लाए गए।

गयाजी, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के गयाजी में आयोजित कार्यक्रम में 13 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से रेल, सड़क, बिजली, आवास, जलापूर्ति और स्वास्थ्य क्षेत्रों से संबंधित विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बिहार चंद्रगुप्त और चाणक्य की भूमि है। यहां लिया गया संकल्प कभी व्यर्थ नहीं जाता। यही वजह है कि पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद मैंने भी आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का संकल्प इसी धरती से लिया था। आज पूरी दुनिया देख रही है। बिहार की धरती से लिया गया वह संकल्प पूरा हो चुका है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा, "ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की रक्षा नीति की नई दिशा निर्धारित की है। भारत में आतंकियों को भेजकर हमलों का प्रयास करने वाला कोई भी बच नहीं सकेगा। आतंकवादी चाहे कितना भी गहरे क्यों न छिप जाएँ, भारत की मिसाइल उन्हें दफन कर देगी।"

पीएम मोदी ने याद दिलाया कि उस समय पाकिस्तान हमारे खिलाफ ड्रोन हमले कर रहा था और उसकी मिसाइलें हमें छू तक नहीं पाईं।

इस अवसर पर आयोजित जनसभा में उन्होंने विपक्ष पर तीखा हमला किया और एनडीए सरकार की प्राथमिकताएँ गिनाईं। उन्होंने राजद और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये पार्टियाँ कभी भी पैसों का मूल्य नहीं समझी थीं। कोई भी परियोजनाएँ समय पर पूरी नहीं होती थीं। लेकिन एनडीए सरकार ने इस गलत सोच को बदलकर समय पर परियोजनाएँ पूरी करने पर ध्यान केंद्रित किया है।

उन्होंने बताया कि बिहार का तेज विकास केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। आज बिहार विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने आगे कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री के बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने मंच से कहा था कि वे बिहार के लोगों को अपने राज्य में घुसने नहीं देंगे। इसके बावजूद राजद वाले चुप रहे। यह कोई नहीं भूल सकता कि कांग्रेस बिहार के लोगों से कितना नफरत करती है। एनडीए सरकार अब इस नफरत का जवाब दे रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले सप्ताह, 15 अगस्त से प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना लागू हुई है। इसके तहत हमारे युवा जब निजी क्षेत्र में पहली नौकरी करेंगे, तो केंद्र सरकार उन्हें 15,000 रुपए देगी। यह योजना बिहार के युवाओं के लिए बहुत लाभकारी होगी।

उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ऐसा कानून लेकर आई है, जिसके दायरे में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री भी आते हैं। यदि कोई मुख्यमंत्री या मंत्री गिरफ्तार होता है, तो उसे 30 दिन के भीतर जमानत लेनी होगी।

उन्होंने कहा कि आज कानून है कि यदि कोई छोटे सरकारी कर्मचारी को 50 घंटे तक हिरासत में रखा जाए, तो वह अपने-आप निलंबित हो जाता है, लेकिन बड़े नेता जेल में रहकर भी सत्ता का सुख भोग सकते हैं।

उन्होंने इस दौरान औटा और बेगूसराय के बीच आठ किलोमीटर लंबे छह लेन पुल का भी उल्लेख किया। पीएम मोदी ने कहा कि इस पुल का भी शिलान्यास और उद्घाटन किया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम आवास योजना का जिक्र करते हुए कहा कि हमने केवल घर की चार दीवारें नहीं दीं, बल्कि गरीब को उसका स्वाभिमान भी दिया है। इन घरों में बिजली, पानी, शौचालय और गैस कनेक्शन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई गई हैं।

उन्होंने विश्वास दिलाया कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक हर गरीब को अपना पक्का घर नहीं मिल जाता।

Point of View

NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में किन परियोजनाओं का उद्घाटन किया?
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में रेल, सड़क, बिजली, आवास, जलापूर्ति और स्वास्थ्य क्षेत्रों से जुड़ी विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
क्या पीएम मोदी ने बिहार के विकास के लिए विशेष योजनाएं घोषित की हैं?
जी हां, पीएम मोदी ने 'प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना' का उल्लेख किया, जिसके तहत युवाओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
कांग्रेस और राजद पर पीएम मोदी ने क्या आरोप लगाए?
पीएम मोदी ने कांग्रेस और राजद पर आरोप लगाया कि वे विकास की परियोजनाओं को लटकाकर पैसे कमाते थे।