क्या प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन को आगे बढ़ाया?

सारांश
Key Takeaways
- महात्मा गांधी का स्वदेशी आंदोलन आज भी प्रासंगिक है।
- प्रधानमंत्री मोदी इस आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं।
- युवा पीढ़ी को गांधीजी के विचारों को अपनाना चाहिए।
- भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सभी का योगदान आवश्यक है।
- स्वदेशी का यह अभियान देश की आर्थिकी को मजबूत करेगा।
भोपाल, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन को आगे बढ़ाकर भारत को आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में भाजपा के नेताओं ने महात्मा गांधी एवं स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि महात्मा गांधी ने अहिंसा और स्वदेशी के सिद्धांतों के माध्यम से भारत को स्वतंत्रता दिलाई। प्रधानमंत्री मोदी इस आंदोलन को आगे बढ़ाकर देश को आत्मनिर्भर बनाने में जुटे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को महात्मा गांधी की सादगी और विचारों को अपनाना चाहिए। पूरा देश आज गांधीजी के विचारों के साथ आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि गांधीजी ने स्वतंत्रता के साथ-साथ भारतीयों का स्वाभिमान बढ़ाया। दक्षिण अफ्रीका में रहते हुए ही उन्होंने स्वतंत्रता की अलख जगाई और स्वदेशी के लिए विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया। आज भारत जिस स्थिति में है, उसमें महात्मा गांधी का योगदान अनमोल है। प्रधानमंत्री मोदी लोगों को स्वदेशी अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के जन्मदिन, 17 सितंबर से लेकर आज, 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा मनाया गया है। सच्चे अर्थों में स्वदेशी के सिद्धांतों पर आधारित आत्मनिर्भरता के लिए मध्य प्रदेश की सरकार भी सहयोग करने को तत्पर है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी महात्मा गांधी के विचारों को आम लोगों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। आजादी के आंदोलन में गांधीजी ने जो अलख जगाई थी, उसे मोदी आगे बढ़ा रहे हैं। स्वदेशी का यह आंदोलन भारत को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री मोदी गांधीजी के आदर्शों पर चलते हुए देश को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में जुटे हैं। सभी को स्वदेशी अपनाकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देना चाहिए। कांग्रेस ने भी दोनों महापुरुषों की जयंती पर राजधानी में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।