क्या पीएम मोदी ने संविधान दिवस पर नागरिकों को लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए लिखा पत्र?

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क्या पीएम मोदी ने संविधान दिवस पर नागरिकों को लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए लिखा पत्र?

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान दिवस पर नागरिकों को पत्र लिखकर लोकतंत्र को मजबूत करने का आह्वान किया। उन्होंने संविधान की भूमिका, ऐतिहासिक संदर्भ और नागरिकों की जिम्मेदारियों पर जोर दिया है। यह पत्र युवाओं को प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।

Key Takeaways

  • संविधान दिवस पर पीएम मोदी ने नागरिकों से कर्तव्यों की याद दिलाई।
  • उन्होंने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए वोट देने की अपील की।
  • संविधान ने हमें सपने देखने और उन्हें साकार करने की शक्ति दी है।
  • युवाओं को जिम्मेदारी से प्रेरित करने की आवश्यकता है।
  • संविधान का सम्मान हमारी जिम्मेदारी है।

नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर, संविधान दिवस के अवसर पर भारत के नागरिकों के लिए एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने 1949 में संविधान को ऐतिहासिक रूप से अपनाने की बात याद की और देश के विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को बताया। उन्होंने कहा कि 2015 में सरकार ने इस पवित्र दस्तावेज़ का सम्मान करते हुए 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया।

पीएम मोदी ने यह भी बताया कि कैसे संविधान ने आम नागरिकों को देश की सेवा के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के लिए सक्षम बनाया है, और संसद तथा संविधान के प्रति अपने सम्मान के अनुभव साझा किए। उन्होंने 2014 में संसद की सीढ़ियों पर झुकने और 2019 में सम्मान के प्रतीक के रूप में संविधान को अपने माथे पर रखने की याद ताजा की। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान ने अनगिनत नागरिकों को अपने सपनों को देखने और उन्हें साकार करने की शक्ति दी है।

संविधान सभा के सदस्यों को श्रद्धांजलि देते हुए, प्रधानमंत्री ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर और कई प्रमुख महिला सदस्यों का स्मरण किया, जिन्होंने संविधान को बेहतर बनाने में योगदान दिया। उन्होंने गुजरात में संविधान गौरव यात्रा और संसद के स्पेशल सेशन जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का जिक्र किया, जहां रिकॉर्ड पब्लिक पार्टिसिपेशन देखने को मिला।

इस वर्ष के संविधान दिवस पर, पीएम मोदी ने इसे और भी विशेष बताते हुए कहा कि यह सरदार वल्लभभाई पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती, वंदे मातरम की 150वीं सालगिरह और श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत के साथ मेल खाता है। उन्होंने कहा कि ये व्यक्तित्व और मील के पत्थर हमें हमारे कर्तव्यों के महत्व की याद दिलाते हैं, जैसा कि संविधान के आर्टिकल 51 'ए' में वर्णित है।

भविष्य को देखते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि इस सदी की शुरुआत के 25 साल बीत चुके हैं, और केवल दो दशकों में भारत गुलामी से आजादी के 100 साल पूरे कर लेगा। 2049 में, संविधान को अपनाए हुए एक सदी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आज लिए गए निर्णय और नीतियां आने वाली पीढ़ियों के जीवन को आकार देंगी। उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया कि वे अपने कर्तव्यों को हमेशा अपने मन में रखें क्योंकि भारत 'विकसित भारत' के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने वोट के अधिकार का प्रयोग करके लोकतंत्र को मजबूत करने की ज़िम्मेदारी पर जोर दिया और सुझाव दिया कि स्कूल और कॉलेज 18 साल के होने पर पहले बार वोट देने वालों का सम्मान करके संविधान दिवस मनाएं। उन्होंने आशा जताई कि युवाओं को ज़िम्मेदारी और गर्व से प्रेरित करने से लोकतांत्रिक मूल्य और देश का भविष्य मजबूत होगा। अपने पत्र के अंत में, प्रधानमंत्री ने नागरिकों से कहा कि वे इस महान देश के नागरिक के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का पुनः वादा करें और इस तरह एक विकसित और मजबूत भारत बनाने में योगदान दें।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, "संविधान दिवस पर, हम अपने संविधान बनाने वालों को श्रद्धांजलि देते हैं। उनका विजन और दूर की सोच हमें एक विकसित भारत बनाने की हमारी कोशिश में प्रेरित करती रहती है। हमारा संविधान मानवता, समानता और स्वतंत्रता को सर्वोच्च मानता है। यह हमें अधिकार तो देता है, साथ ही हमें नागरिक के रूप में हमारी जिम्मेदारियों की याद भी दिलाता है, जिन्हें हमें हमेशा पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए। ये जिम्मेदारियां एक मजबूत लोकतंत्र की नींव हैं। आइए हम अपने कार्यों से संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने का अपना वादा दोहराएं।

Point of View

जो देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। संविधान का सम्मान और इसके प्रति हमारी जवाबदेही लोकतंत्र को मजबूत करने में सहायक होगी।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

संविधान दिवस कब मनाया जाता है?
संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है, जब भारत ने 1949 में संविधान को अपनाया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में क्या कहा?
उन्होंने नागरिकों से लोकतंत्र को मजबूत करने और अपने कर्तव्यों को निभाने का आह्वान किया है।
क्यों संविधान दिवस महत्वपूर्ण है?
यह दिन हमें संविधान के महत्व और हमारे कर्तव्यों की याद दिलाता है।
पीएम मोदी ने युवाओं को क्या संदेश दिया?
उन्होंने युवाओं से अपने वोट का उपयोग कर लोकतंत्र को मजबूत करने का आग्रह किया।
संविधान का महत्व क्या है?
संविधान हमारे अधिकारों और जिम्मेदारियों का निर्धारण करता है और समाज में समानता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है।
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