क्या भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए समय पर सिस्टम का मॉडर्नाइजेशन जरूरी है?

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क्या भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए समय पर सिस्टम का मॉडर्नाइजेशन जरूरी है?

सारांश

भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए वित्त मंत्री ने सिस्टम के सुधार पर जोर दिया है। क्या ये कदम सही दिशा में हैं? जानिए इस रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • सिस्टम का मॉडर्नाइजेशन आवश्यक है।
  • प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया जाएगा।
  • गवर्नेंस में सुधार पर जोर दिया जा रहा है।
  • पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • स्टेकहोल्डर्स के मुद्दों का समाधान समय पर होगा।

नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए सिस्टम का समय पर मॉडर्नाइजेशन और प्रक्रियाओं को सरल बनाना आवश्यक है।

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि वर्तमान समय गवर्नेंस का है और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के सिद्धांतों को गवर्नेंस को अधिक सरल और पारदर्शी बनाना चाहिए। इन सिद्धांतों का मुख्य उद्देश्य फैसिलिटेशन होना चाहिए।

रीजनल डायरेक्टरेट और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की रिव्यू मीटिंग में वित्त मंत्री ने कहा, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय को भविष्य के लिए उन्मुख बनाना चाहिए ताकि स्टेकहोल्डर्स को समयबद्ध तरीके से सेवाएं प्रदान की जा सकें।

इस बैठक में केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, एमसीए के सचिव और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।

सीतारमण ने बताया कि कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने बदलते समय के अनुसार कानूनों और नियमों में आवश्यक परिवर्तन किए हैं। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्ट्सी बोर्ड इसका एक प्रमुख उदाहरण है। बदलते भारत की ज़रूरतों के अनुसार सिस्टम में इस तरह के बदलाव आवश्यक हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय कॉर्पोरेट गवर्नेंस ने नागरिकों को पारदर्शी वित्तीय जानकारियां उपलब्ध कराने के साथ उनका विश्वास भी जीता है।

वित्त मंत्री ने कंपनियों को गाइड और रेगुलेट करने में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की भूमिका के महत्व पर भी जोर दिया।

बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने एमसीए को निर्देश दिया कि ट्रांसपेरेंसी सुनिश्चित करने के लिए एक लाइव डैशबोर्ड बनाया जा सकता है।

हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि एमसीए को मैक्सिमम गवर्नेंस और मिनिमम गवर्नमेंट के सिद्धांत का पालन करना चाहिए। उनका मानना है कि स्टेकहोल्डर्स के साथ नियमित संवाद से उनके मुद्दों को समय पर सुलझाने में मदद मिलेगी।

एमसीए के सचिव ने बताया कि एनफोर्समेंट पर मैनुअल को स्टैंडर्डाइज कर दिया गया है। इसके अलावा, सेवाओं को पारदर्शी बनाने और समय पर उपलब्ध कराने के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर पहले से ही काम चल रहा है।

Point of View

यह कहना उचित है कि भारत को अपनी प्रक्रियाओं को नए सिरे से आकार देने की आवश्यकता है। गवर्नेंस में सुधार और पारदर्शिता को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। यह न केवल कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के लिए बल्कि देश के भविष्य के लिए भी आवश्यक है।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत को विकसित राष्ट्र बनने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सिस्टम का मॉडर्नाइजेशन और प्रक्रियाओं को सरल बनाना आवश्यक है।
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की भूमिका क्या है?
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय का कार्य गवर्नेंस में सुधार और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है।
क्या स्टेकहोल्डर्स को समय पर सेवाएं मिलेंगी?
स्टेकहोल्डर्स को समय पर सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एमसीए को भविष्य के लिए उन्मुख बनाना होगा।
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