क्या प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन में फोटो सेशन में भाग लिया?

सारांश
Key Takeaways
- एससीओ सम्मेलन में पीएम मोदी ने विश्व नेताओं के साथ भाग लिया।
- यह सम्मेलन क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात ने सहयोग को बढ़ावा दिया।
- तियानजिन में आयोजित इस सम्मेलन ने द्विपक्षीय संबंधों की स्थिरता पर ज़ोर दिया।
- यह भारत और चीन के बीच बढ़ते संबंधों का संकेत है।
तियानजिन, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन के फोटो सेशन में विश्व नेताओं के साथ सहभागिता की, जो क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन से पहले एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक क्षण था।
इस तस्वीर में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य सदस्य देशों के नेता शामिल थे।
पीएम मोदी ने फोटो सेशन से जुड़ी तस्वीर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया। उन्होंने लिखा, "तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन में।"
एससीओ शिखर सम्मेलन की मेज़बानी इस वर्ष चीन कर रहा है। इस समूह में आठ सदस्य देश शामिल हैं। इसका फोकस यूरेशियाई क्षेत्र में राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग पर है। यह पहला अवसर है, जब प्रधानमंत्री मोदी सात वर्षों बाद चीन आए हैं, जो भारत और चीन के बीच 2020 के सीमा विवाद के बाद जटिल द्विपक्षीय संबंधों के बीच विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति शी और पुतिन के साथ बातचीत करते दिखे, जो सक्रिय कूटनीति की वापसी का संकेत है।
विशेष रूप से, पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच गर्मजोशी से भरी मुलाकात का ध्यान आकर्षित किया, जिसमें दोनों ने गले लगकर और हाथ पकड़कर आपसी मित्रता का प्रदर्शन किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर इस मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "राष्ट्रपति पुतिन से मिलना हमेशा खुशी की बात है।"
राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनकी पत्नी फंग लियुआन ने रविवार को तियानजिन में एक भोज का आयोजन किया, जिसमें शिखर सम्मेलन के 25वें संस्करण से पहले अंतरराष्ट्रीय मेहमानों का स्वागत किया गया।
इससे पहले रविवार को, प्रधानमंत्री मोदी ने दस महीने बाद पहली बार चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने संबंधों को स्थिर रखने और विशेष रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के आसपास के लंबित मुद्दों को सुलझाने की प्रतिबद्धता जताई।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संबंध 'सार्थक दिशा' में आगे बढ़ रहे हैं और 'विसंघर्ष' के बाद सीमाओं पर शांति का माहौल है।
चीनी सरकारी प्रसारक सीसीटीवी के अनुसार, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आशा व्यक्त की कि तियानजिन में हुई यह बैठक 'द्विपक्षीय संबंधों को और ऊंचाई पर ले जाएगी' और 'इनके सतत, स्वस्थ और स्थिर विकास' को बढ़ावा देगी।