क्या प्रधानमंत्री मोदी का समुद्री दृष्टिकोण भारत की वैश्विक महत्वाकांक्षा को दर्शाता है? : वीसी आईएमयू

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क्या प्रधानमंत्री मोदी का समुद्री दृष्टिकोण भारत की वैश्विक महत्वाकांक्षा को दर्शाता है? : वीसी आईएमयू

सारांश

भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय की कुलपति ने बताया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में समुद्री क्षेत्र में बदलाव आया है। 2047 के लिए उनका दृष्टिकोण भारत को वैश्विक समुद्री केंद्र बनाने का है। यह लेख समुद्री विकास की दिशा में भारत की महत्वाकांक्षाओं पर प्रकाश डालता है।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी का समुद्री दृष्टिकोण 2047 तक भारत को एक वैश्विक समुद्री केंद्र बनाना है।
  • नए बंदरगाहों और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क ने व्यापार दक्षता में सुधार किया है।
  • समुद्री निवेश में 70,000 करोड़ रुपए का निवेश निर्धारित किया गया है।
  • समुद्री क्षेत्र में विकास की नई लहर देखी जा रही है।

मुंबई, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई में आयोजित भारतीय समुद्री सप्ताह 2025 के दौरान भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय (आईएमयू) की कुलपति मालिनी वी. शंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत और निरंतर नेतृत्व में पिछले एक दशक में भारत के समुद्री क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है।

डॉ. शंकर ने प्रधानमंत्री के दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2016 से भारत वैश्विक समुद्री उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस को बताया कि भारत के समुद्री क्षेत्र के विकास के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता बहुत मजबूत और स्पष्ट है। 2047 के लिए उनका दृष्टिकोण तकनीकी नवाचार और आर्थिक विकास के माध्यम से भारत को एक वैश्विक समुद्री केंद्र के रूप में स्थापित करना है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नए बंदरगाहों के विकास, तटीय व्यापार के विस्तार और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण ने भारत की व्यापार दक्षता में उल्लेखनीय सुधार किया है। उन्होंने कहा कि इस्पात, उर्वरक और खनन उद्योगों के लिए बेहतर रेल संपर्क ने माल ढुलाई को बढ़ावा दिया है और वैश्विक विश्वास को आकर्षित किया है।

डॉ. शंकर ने भारतीय समुद्री सप्ताह 2025 के बारे में बोलते हुए कहा कि यह आयोजन अपेक्षाओं से कहीं बढ़कर था और संभवतः आजादी के बाद से अब तक आयोजित सबसे बड़े आयोजनों में से एक था।

उन्होंने कहा कि 2016 में हमारे यहां समुद्री निवेश शिखर सम्मेलन हुआ था, जो मुख्यतः निवेश-केंद्रित था। पिछले दस वर्षों में समुद्री क्षेत्र ने जबरदस्त गति पकड़ी है, दरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है, माल ढुलाई कई गुना बढ़ गई है, और इस क्षेत्र में विकास की एक नई लहर देखी जा रही है।

उन्होंने आगे कहा कि जहाज निर्माण के लिए लगभग 70,000 करोड़ रुपए का निवेश निर्धारित किया गया है और उद्योग की उभरती जरूरतों के अनुरूप पांच औपनिवेशिक काल के समुद्री कानूनों को आधुनिक कानूनों से बदल दिया गया है।

Point of View

बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण समुद्री शक्ति बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
29/10/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री मोदी का समुद्री दृष्टिकोण क्या है?
प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण भारत को 2047 तक एक वैश्विक समुद्री केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
आईएमयू की कुलपति ने क्या कहा?
आईएमयू की कुलपति ने बताया कि पिछले एक दशक में समुद्री क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं।