क्या पीएम सूर्य घर योजना से 25 लाख घरों में बिजली पहुंची है, यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है?
सारांश
Key Takeaways
- 25 लाख घरों में सोलर सिस्टम स्थापित किए गए हैं।
- यह योजना स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- सरकार ने यूटिलिटी-नेतृत्व वाला एग्रीगेशन मॉडल पेश किया है।
- जागरूकता की कमी से योजना का क्रियान्वयन धीमा हो रहा है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि जागरूकता बढ़ने से रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन में तेजी आएगी।
नई दिल्ली, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने स्वच्छ और हरित ऊर्जा की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत अब तक 25 लाख घरों में रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित किए जा चुके हैं।
इससे लाखों परिवारों के बिजली के खर्चों में कमी आ रही है और देश को एक टिकाऊ भविष्य की ओर अग्रसर होने में सहायता मिल रही है।
यह योजना फरवरी 2024 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य वित्त वर्ष 2026-27 तक एक करोड़ घरों को रूफटॉप सोलर सिस्टम से जोड़ना है। वर्तमान में, भारत इस लक्ष्य का लगभग 25 प्रतिशत हासिल कर चुका है। सरकार को उम्मीद है कि आने वाले समय में इस योजना की गति और तेज होगी।
योजना को सफल बनाने के लिए सरकार ने एक नया महत्वपूर्ण पहलू जोड़ा है। इसके तहत यूटिलिटी-नेतृत्व वाला एग्रीगेशन मॉडल लागू किया जा रहा है। इस मॉडल के माध्यम से राज्य की बिजली वितरण कंपनियाँ (डिस्कॉम) उपभोक्ताओं के घरों पर खुद रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित कर सकेंगी। इससे आम लोगों के लिए सोलर सिस्टम लगवाना सरल होगा और प्रक्रिया में आने वाली तकनीकी व प्रशासनिक समस्याएँ कम होंगी।
हालांकि, संसदीय स्थायी समिति (ऊर्जा) ने इस योजना को लेकर कुछ चिंताएँ भी जताई हैं। समिति का कहना है कि जब तक राज्य सरकारें और उनकी डिस्कॉम पूरी तरह से इस योजना में शामिल नहीं होतीं, तब तक व्यापक स्तर पर प्रगति करना कठिन होगा। समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि योजना के धीमे क्रियान्वयन की सबसे बड़ी वजह जागरूकता की कमी है। कई लोग अब भी इस योजना के लाभों और प्रक्रियाओं के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं रखते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि राज्यों में जागरूकता अभियानों को तेज किया जाए और डिस्कॉम की भागीदारी बढ़ाई जाए, तो आने वाले महीनों में रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन में तेजी आ सकती है। इससे न केवल आम उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिलेगी, बल्कि देश की ऊर्जा आवश्यकताओं में स्वच्छ स्रोतों की हिस्सेदारी भी बढ़ेगी।