क्या दिग्विजय सिंह के बयान से कांग्रेस टुकड़े-टुकड़े हुई?
सारांश
Key Takeaways
- दिग्विजय सिंह का बयान कांग्रेस के भीतर की असहमति को दर्शाता है।
- शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस को टुकड़ों में बंटा हुआ बताया।
- बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले चिंता का विषय हैं।
- इंडी अलायंस के सहयोगियों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है।
- कांग्रेस को अपनी रणनीतियों में सुधार करने की जरूरत है।
नई दिल्ली, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के सोशल मीडिया पोस्ट पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी टुकड़े-टुकड़े में बंट चुकी है।
नई दिल्ली में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में पूनावाला ने कहा कि दिग्विजय सिंह के बयान ने कांग्रेस पार्टी का मानसिक संतुलन बिगाड़ दिया है और मणिकम टैगोर द्वारा संघ के बारे में की गई टिप्पणियों से उनके वैचारिक खोखलेपन का पता चलता है। टैगोर को यह याद रखना चाहिए कि अफजल गुरु, याकूब, बुरहान वानी, बाटला हाउस एनकाउंटर और नक्सलियों जैसे मामलों में उन्हें शहीद और मासूम नजर आते हैं, जबकि राष्ट्रवादी संगठनों में वे आतंकवादियों को देखते हैं।
उन्होंने प्रश्न उठाया कि प्रणब मुखर्जी, क्या वह किसी राष्ट्रवादी संगठन के मुख्यालय गए थे या किसी आतंकवादी संगठन के? जब नेहरू ने गणतंत्र दिवस पर संघ को बुलाया था, तो क्या उन्होंने किसी आतंकवादी संगठन को आमंत्रित किया था? महात्मा गांधी और जेपी ने उनकी प्रशंसा की थी। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या कांग्रेस के सांसद उनसे अधिक ज्ञानी हैं?
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह दुखद है कि बांग्लादेश में न सिर्फ हिंदुओं, बल्कि ईसाई समुदाय और अनुसूचित जाति के लोगों पर भी हमले और हत्याएं हो रही हैं। भारत सरकार ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है और इन घटनाओं की निंदा की है। लेकिन, दुख की बात है कि हमारे देश में एक ऐसा समूह है, जो गाजा के लिए फंड इकट्ठा करता है, लेकिन ढाका के मामलों पर आंखें बंद कर लेता है, जिसमें दिग्विजय सिंह, राशिद अल्वी और सैम पित्रोदा शामिल हैं। ये लोग भारत की तुलना बांग्लादेश से करते हैं और वहाँ हो रहे अत्याचारों को सही ठहराते हैं। यह वही समूह है जो नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करता है। इनका असली चेहरा अब सामने आ गया है।
पूनावाला ने इंडी अलायंस का उल्लेख करते हुए कहा कि एक बार फिर, हम उन्हें पूरी तरह से भ्रमित देख रहे हैं, जहां कांग्रेस पार्टी ने डीएमके पर हमला किया है। कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि डीएमके का मॉडल पूरी तरह से विफल हो चुका है। पहले, तमिलनाडु का कर्ज उत्तर प्रदेश से कम था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में तमिलनाडु का कर्ज काफी बढ़ गया है। कांग्रेस यही कह रही है। तो क्या वे योगी मॉडल का समर्थन कर रहे हैं और स्टालिन मॉडल को खारिज कर रहे हैं? इससे पता चलता है कि अब यह डीएमके बनाम कांग्रेस है। कल, यह कांग्रेस बनाम वामपंथी पार्टियों थी। हर दिन, कांग्रेस उत्तर से दक्षिण तक अपने सहयोगियों से लड़ रही है। इंडी गठबंधन केवल कागज़ों पर है, बंगाल में कोई गठबंधन नहीं, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, गोवा, केरल, कर्नाटक और अब तमिलनाडु में भी कोई गठबंधन नहीं है। अलायंस पार्टनर राहुल गांधी को गंभीरता से नहीं लेते हैं।