क्या प्रधानमंत्री 8 नवंबर को 'कानूनी सहायता वितरण तंत्र को सशक्त बनाने' पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- कानूनी सहायता वितरण तंत्र को सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन।
- नालसा द्वारा सामुदायिक मध्यस्थता प्रशिक्षण का शुभारंभ।
- विधिक सेवा प्राधिकरण का महत्व और लाभ।
- कमजोर वर्गों को न्याय दिलाने के प्रयास।
- कानूनी जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन।
नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 नवंबर को लगभग 5 बजे भारत के सर्वोच्च न्यायालय में 'कानूनी सहायता वितरण तंत्र को सशक्त बनाने' पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम में, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) द्वारा तैयार सामुदायिक मध्यस्थता प्रशिक्षण मॉड्यूल का शुभारंभ भी करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री सभा को संबोधित करेंगे।
यह दो दिवसीय सम्मेलन, जो राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित किया जा रहा है, कानूनी सेवा ढांचे के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करेगा, जैसे कि कानूनी सहायता बचाव परामर्श प्रणाली, पैनल वकील, अर्ध-कानूनी स्वयंसेवक, स्थायी लोक अदालतें, और कानूनी सेवा संस्थानों का वित्तीय प्रबंधन।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण (एलएसए) कानून, 1987 के अंतर्गत किया गया था, जिसका उद्देश्य कमजोर वर्गों को मुफ्त और सक्षम कानूनी सेवाएं प्रदान करना है। इस कानून की धारा 12 के तहत विभिन्न लाभार्थियों को न्याय दिलाने के अवसर प्रदान किए जाते हैं, ताकि कोई भी नागरिक आर्थिक या अन्य अक्षमताओं के कारण न्याय से वंचित न हो।
इसके अतिरिक्त, नालसा ने निवारक और रणनीतिक कानूनी सेवा कार्यक्रमों को लागू करने के लिए विभिन्न योजनाएँ तैयार की हैं, जिन्हें राज्य, जिला और तालुका स्तर पर विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। पिछले तीन वर्षों में, इन कार्यक्रमों के माध्यम से कानूनी सहायता और सलाह से 16,57,527 लोगों को लाभ मिला है। 2022 से 2025 के बीच लाभान्वित व्यक्तियों की संख्या 44,22,460 रही, जैसा कि केंद्रीय विधि और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने संसद में बताया था।
विधिक सेवा प्राधिकरण देश भर में बच्चों, मजदूरों, आपदा पीड़ितों, अनुसूचित जातियों और जनजातियों, दिव्यांगजनों आदि से संबंधित विभिन्न कानूनों और योजनाओं पर कानूनी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है। यह विभिन्न कानूनों पर सरल भाषा में पुस्तिकाएं और पैम्फलेट भी तैयार करता है, जिन्हें आम जनता में वितरित किया जाता है।