क्या प्रधानमंत्री आवास योजना से जौनपुर की राजकुमारी को मिला पक्का घर?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री आवास योजना से गरीब परिवारों को पक्का घर मिला है।
- आर्थिक सहायता के साथ अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
- महिलाओं और ट्रांसजेंडर समुदाय को भी लाभ मिलता है।
- यह योजना समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को सशक्त बनाती है।
- सरकार द्वारा आवास निर्माण की मंजूरी दी गई है।
जौनपुर, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना ने गरीब परिवारों के लिए आशा की किरण प्रस्तुत की है। इसी पहल के तहत जौनपुर जनपद में भी इस योजना का लाभ जरूरतमंद परिवारों को मिल रहा है। राजगढ़ कॉलोनी की निवासी राजकुमारी, जो कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रही थीं, ने बताया कि उनके पास एक जर्जर और कच्चा मकान था, जिसमें उनका पूरा परिवार वर्षों से निवास कर रहा था।
राजकुमारी को कॉलोनी के लोगों और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना की जानकारी मिली। योजना की जानकारी प्राप्त करने के बाद उन्होंने आवेदन किया और प्रक्रिया के बाद उन्हें 2.5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्राप्त हुई।
इस सहायता राशि से उन्होंने अपने सपनों का पक्का मकान बनवाया, जो अब उनके परिवार के लिए सुरक्षित और स्थायी आश्रय बन चुका है।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए राजकुमारी ने कहा, "हमें प्रधानमंत्री योजना से पक्का घर मिला है, राशन मुफ्त में मिल रहा है, और आयुष्मान कार्ड से इलाज की सुविधा भी है। हम बहुत खुश हैं। मोदी जी गरीबों के लिए बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं, हम उनका कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं।"
राजकुमारी के पति राजेन्द्र प्रसाद ने भी योजना की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सचमुच गरीबों का ख्याल रखने वाले नेता हैं। हमारी पत्नी के नाम से आवास योजना का लाभ मिला, जिससे अब हमारे पास अपना पक्का घर है। हम उनके आभारी हैं। ऐसा ही प्रधानमंत्री होना चाहिए, जो गरीबों की सुनता हो।
2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य 2022 तक सभी को किफायती आवास उपलब्ध कराना है। यह योजना न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को सशक्त भी बनाती है। महिलाओं के लिए 2.67 लाख से अधिक घरों को मंजूरी दी गई है, जबकि ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए भी घर आवंटित किए गए हैं।
हाल ही में एक कदम उठाते हुए, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने बिहार, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में पीएमएवाई-शहरी 2.0 के तहत अतिरिक्त 3.53 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी दी है।