क्या प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल में अनाथ नीतिका से भावुक मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी ने नीतिका से भावुक मुलाकात की।
- हिमाचल प्रदेश में कई प्राकृतिक आपदाएँ आई हैं।
- नीतिका अपने परिवार की एकमात्र जीवित सदस्य है।
- बाढ़ ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है।
- सरकार राहत और पुनर्वास कार्यों में जुटी है।
कांगड़ा, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश में हुई त्रासदी में से जीवित बची 11 महीने की नीतिका से मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंखों में आंसू थे। मंगलवार को पीएम मोदी ने नीतिका को गोद में लेकर उसके चेहरे को प्यार से सहलाया।
30 जून और 1 जुलाई की रात को मंडी जिले के गोहर उप-मंडल के तलवाड़ा गांव में बादल फटने से बाढ़ आई, जिसमें नीतिका चमत्कारिक रूप से बच गई। वह अपने पालने में गहरी नींद में थी, जब उसके माता-पिता और दादी बाढ़ से लड़ने के लिए बाहर गए थे, लेकिन वापस नहीं लौट सके। सिर्फ नीतिका ही जीवित बची। अब उसकी देखभाल उसके रिश्तेदार कर रहे हैं।
मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने हिमाचल दौरे के दौरान नीतिका से मुलाकात की। उन्होंने जुलाई में राज्य में आई कई प्राकृतिक आपदाओं में जीवित बचे लोगों से भी बात की। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू, और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतिका से मिलने के बाद सोशल मीडिया पर लिखा, "हिमाचल प्रदेश में भारी बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों से बातचीत की। उनकी पीड़ा और त्रासदी से हुए नुकसान ने मुझे बेहद व्यथित किया है। हम सभी प्रभावितों तक राहत पहुँचाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।"
प्रधानमंत्री मोदी ने भीषण बाढ़ और भूस्खलन के बाद चल रही आपदा प्रतिक्रिया और पुनर्वास कार्यों की स्थिति की समीक्षा के लिए हिमाचल प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। बाढ़ प्रभावित लोगों के अलावा, उन्होंने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), एसडीआरएफ, और आपदा मित्र टीम के साथ भी बातचीत की।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से 136 भूस्खलन, 95 अचानक बाढ़, और 45 बादल फटने की घटनाएं हुई हैं, जिससे सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को बड़ा नुकसान हुआ है। वर्तमान में, 4 राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 615 सड़कें बंद हैं, और 1,748 बिजली ट्रांसफार्मर तथा 461 जल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।