क्या प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को 62,000 करोड़ से अधिक की युवा-केंद्रित योजनाओं का शुभारंभ करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- 62,000 करोड़ की युवा-केंद्रित योजनाओं का शुभारंभ
- शिक्षा और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित
- 4,000 नवनियुक्त उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र
- बिहार की कई योजनाओं का उद्घाटन
- 1,200 व्यावसायिक कौशल प्रयोगशालाएं स्थापित होंगी
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 62,000 करोड़ रुपए से अधिक की युवा-केंद्रित योजनाओं का शुभारंभ करने जा रहे हैं। यह पहल देश में शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता को सशक्त बनाएगी। कार्यक्रम का आयोजन चौथे राष्ट्रीय कौशल दीक्षांत समारोह के तहत होगा, जिसमें कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के अंतर्गत इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (आईटीआई) के 46 ऑल इंडिया टॉपर्स को सम्मानित किया जाएगा।
वे पीएम-सेतु (प्रधानमंत्री स्किलिंग एंड एम्प्लॉयबिलिटी ट्रांसफॉर्मेशन थ्रू अपग्रेडेड आईटीआई) योजना का भी शुभारंभ करेंगे, जिसमें 60,000 करोड़ रुपए का निवेश शामिल है। इस केंद्रीय प्रायोजित योजना के तहत देशभर के 1,000 सरकारी आईटीआई को हब-एंड-स्पोक मॉडल में उन्नत किया जाएगा, जिसमें 200 हब आईटीआई और 800 स्पोक आईटीआई होंगे।
प्रत्येक हब औसतन चार स्पोक से जुड़ा होगा, जिससे अत्याधुनिक तकनीक, डिजिटल लर्निंग सिस्टम, इन्क्यूबेशन सुविधाओं समेत क्लस्टर बनाए जाएंगे। प्रमुख उद्योग भागीदार इन क्लस्टरों का प्रबंधन करेंगे और बाजार की मांग के अनुरूप परिणाम-आधारित कौशल विकास सुनिश्चित करेंगे। इन हब में नवाचार केंद्र, प्रशिक्षक प्रशिक्षण सुविधाएं, विनिर्माण इकाइयां और प्लेसमेंट सेवाएं भी होंगी, जबकि स्पोक पहुंच बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
सामूहिक रूप से पीएम-सेतु भारत के आईटीआई पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्परिभाषित करेगा, इसे सरकारी स्वामित्व वाला लेकिन उद्योग-संचालित बनाएगा। योजना के कार्यान्वयन के पहले चरण में पटना और दरभंगा के आईटीआई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 400 नवोदय विद्यालयों और 200 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में स्थापित 1,200 व्यावसायिक कौशल प्रयोगशालाओं का उद्घाटन करेंगे। ये प्रयोगशालाएं दूरदराज और जनजातीय क्षेत्रों के छात्रों को आईटी, ऑटोमोटिव, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक्स, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन जैसे 12 उच्च मांग वाले क्षेत्रों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेंगी।
यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुरूप है, जिसमें 1,200 व्यावसायिक शिक्षकों का प्रशिक्षण भी शामिल है ताकि उद्योग-संबंधी शिक्षा का व्यापक प्रसार हो सके।
यह कार्यक्रम बिहार में परिवर्तनकारी परियोजनाओं पर केंद्रित होगा, जो राज्य की समृद्ध विरासत और युवा जनसांख्यिकी को दर्शाती हैं। प्रधानमंत्री बिहार की संशोधित 'मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता' योजना का शुभारंभ करेंगे, जिसके तहत हर साल लगभग पांच लाख स्नातक युवाओं को दो साल के लिए एक हजार रुपए का मासिक भत्ता और मुफ्त कौशल प्रशिक्षण मिलेगा।
इसके अलावा, वे संशोधित 'बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड' योजना का भी शुभारंभ करेंगे, जिसके तहत 4 लाख रुपए तक पूरी तरह से ब्याज मुक्त शिक्षा ऋण मिल सकेगा। इस योजना के तहत अब तक 3.92 लाख से अधिक छात्रों को पहले ही 7,880 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण मिल चुका है।
राज्य में युवा सशक्तिकरण को और मजबूत करने के लिए, प्रधानमंत्री औपचारिक रूप से बिहार युवा आयोग का शुभारंभ करेंगे, जो 18 से 45 वर्ष की आयु के लोगों के लिए एक वैधानिक आयोग है। इसका उद्देश्य राज्य की युवा आबादी की ऊर्जा को दिशा प्रदान करना है।
प्रधानमंत्री बिहार में जन नायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय का भी उद्घाटन करेंगे, जिसका उद्देश्य उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रम और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करके विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी कार्यबल तैयार करना है।
वे पीएम-उषा (प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान) के तहत बिहार के 4 विश्वविद्यालयों में नई शैक्षणिक और अनुसंधान सुविधाओं की आधारशिला रखेंगे। इनमें पटना विश्वविद्यालय, मधेपुरा में भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, छपरा में जय प्रकाश विश्वविद्यालय और पटना में नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय शामिल हैं।
प्रधानमंत्री एनआईटी पटना के बिहटा परिसर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 6,500 छात्रों की क्षमता वाले इस परिसर में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। प्रधानमंत्री बिहार सरकार में 4,000 से अधिक नवनियुक्त उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र भी वितरित करेंगे। इसके अलावा, वे 'मुख्यमंत्री बालक-बालिका छात्रवृत्ति' योजना के तहत कक्षा 9 और 10 के 25 लाख छात्रों को 450 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति वितरित करेंगे।