क्या प्रशांत किशोर का कहना है कि डोमिसाइल लागू होना लोकतंत्र की जीत है?

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क्या प्रशांत किशोर का कहना है कि डोमिसाइल लागू होना लोकतंत्र की जीत है?

सारांश

प्रशांत किशोर ने कैमूर में नीतीश कुमार की डोमिसाइल नीति पर सवाल उठाते हुए इसे लोकतंत्र की जीत बताया। उन्होंने तेजस्वी यादव के पहचान पत्र पर भी टिप्पणी की और बिहार की शिक्षा और रोजगार की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। क्या यह बदलाव बिहार के लिए नए अवसर लाएगा?

Key Takeaways

  • डोमिसाइल नीति को लागू करना बिहार में लोकतंत्र की जीत है।
  • जनता ने नीतीश कुमार को हटाने का मन बना लिया है।
  • शिक्षा और रोजगार पर जोर दिया जा रहा है।
  • बेरोजगारी और पलायन को खत्म करने पर जोर।
  • सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार आवश्यक है।

कैमूर, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जन सुराज के प्रवर्तक प्रशांत किशोर अपनी बिहार बदलाव यात्रा के दौरान सोमवार को कैमूर के चैनपुर पहुंचे। यहां उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रदेश में डोमिसाइल नीति को लागू करने के विषय में आलोचना की। साथ ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पास दो-दो वोटर आईडी कार्ड मिलने पर भी तंज कसा।

प्रशांत किशोर ने डोमिसाइल नीति लागू होने के संदर्भ में कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है, यह जनता की जीत है। पिछले 20 वर्षों में उन्होंने कुछ नहीं किया, डोमिसाइल के लिए युवाओं ने संघर्ष किया। अब नीतीश सरकार यह देख चुकी है कि जनता ने उन्हें हटाने का मन बना लिया है, इसलिए वे पेंशन बढ़ा रहे हैं और डोमिसाइल नीति लागू कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करने से या बुजुर्गों की पेंशन बढ़ाने से जनता भ्रमित नहीं होगी। जनता ने तय कर लिया है और इस बार लालू-नीतीश का हटना निश्चित है। अभी सैकड़ों कार्य होने वाले हैं। बिहार से गरीबी को समाप्त करना है, बेरोजगारी और पलायन को खत्म करना है। जब तक यह नहीं होगा, हम लोग रुकने वाले नहीं हैं।

मीडिया से बातचीत में प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव के पास दो मतदाता पहचान पत्र के मामले पर कहा कि यह मामला तेजस्वी और चुनाव आयोग के बीच का है। जनता को इससे कोई लेना-देना नहीं है। बिहार की जनता जानना चाहती है कि हमारे बच्चों की अच्छी शिक्षा कब होगी। बिहार के बच्चों का पलायन कब रुकेगा।

इससे पहले, प्रशांत किशोर ने कैमूर की जनता से अपील की कि इस बार उन्हें और उनके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट न दें। इस बार नेताओं के चेहरे पर नहीं, अपने बच्चों के लिए वोट दें और बिहार में जनता का राज स्थापित करें। इस बार अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करें। इस साल बिहार की बदहाली की आखिरी दीपावली और छठ होगी। छठ के बाद कैमूर के युवाओं को 10-12 हजार रुपए की मजदूरी करने के लिए अपना घर-परिवार छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा। बिहार भर के ऐसे 50 लाख युवाओं को वापस बुलाकर उन्हें यहीं 10-12 हजार रुपए का रोजगार दिया जाएगा।

उन्होंने ऐलान किया कि जब तक सरकारी विद्यालयों की स्थिति में सुधार नहीं होगा, तब तक आप अपने 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाएं और उनकी फीस सरकार भरेगी ताकि गरीब का बच्चा भी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ सके।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार में युवा वर्ग अब बदलाव की मांग कर रहा है। प्रशांत किशोर का यह बयान यह दर्शाता है कि राजनीतिक दलों को जनता की अपेक्षाओं के अनुसार खुद को ढालना होगा। इस प्रक्रिया में, लोकतंत्र की मजबूती और पारदर्शिता की आवश्यकता है।
NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

प्रशांत किशोर ने डोमिसाइल नीति पर क्या कहा?
प्रशांत किशोर ने कहा कि डोमिसाइल नीति लागू होना लोकतंत्र की जीत है और यह जनता की जीत है।
क्या बिहार में शिक्षा की स्थिति में सुधार होगा?
प्रशांत किशोर ने सरकारी विद्यालयों की स्थिति सुधारने का आश्वासन दिया है।
क्या तेजस्वी यादव के पास दो वोटर आईडी कार्ड होना महत्वपूर्ण है?
यह मामला तेजस्वी यादव और चुनाव आयोग के बीच है, जनता को इससे कोई लेना-देना नहीं है।
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