क्या प्रशांत किशोर ने तेजस्वी और कांग्रेस पर बजट की समझ को लेकर निशाना साधा?

सारांश
Key Takeaways
- माई बहिन मान योजना पर प्रशांत किशोर ने सवाल उठाए।
- बजट की समझ को लेकर तेजस्वी यादव की आलोचना की गई।
- कांग्रेस पर योजना को लागू न करने का आरोप।
- प्रशांत किशोर की बिहार बदलाव यात्रा का संदर्भ।
- संजय जायसवाल पर भी निशाना साधा गया।
बेतिया, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने रविवार को बेतिया में राजद नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस पर जोरदार हमला किया। माई बहिन मान योजना की घोषणा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को बजट की कोई समझ नहीं है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि माई-बहिन मान योजना के तहत हर महिला को 2500 रुपए प्रति माह देने का वादा किया गया है। बिहार में नाबालिग लड़कियों को छोड़कर लगभग पांच करोड़ महिलाएं हैं। यदि सभी को इस योजना का लाभ दिया जाए, तो इसके लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी, जो बिहार के पास नहीं हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव की बजट को लेकर समझ बिल्कुल भी स्पष्ट नहीं है। कांग्रेस के बड़े अर्थशास्त्री पी चिदंबरम यदि बिहार आकर बताएंगे कि इतनी धनराशि कहां से आएगी, तो हम मानेंगे।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यदि यह योजना इतनी महत्वपूर्ण है, तो कांग्रेस ने इसे पहले अपने शासन वाले राज्यों कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश या तेलंगाना में क्यों लागू नहीं किया?
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर अपनी 'बिहार बदलाव यात्रा' के तहत विभिन्न जिलों और प्रखंडों में लोगों से संवाद कर रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार को वे बेतिया पहुंचे और वहां उन्होंने भाजपा सांसद संजय जायसवाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संजय जायसवाल को उनकी खुद की पार्टी ने 'आउट' कर दिया है और अब वे अपने बड़े भाई, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के लिए सहायक के रूप में काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "दिलीप जायसवाल पर सिखों का कॉलेज कब्जा करने का आरोप है, हत्या का आरोप है, वे खुद छुपकर बैठे हैं। हमारे आरोपों का अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। लेकिन जैसे क्रिकेट में असली बल्लेबाज आउट हो जाता है, वैसे ही बड़े भाई भी चले जाएंगे। अब ये रनर भी जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणाओं पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वे मोतिहारी को मुंबई बनाने का दावा कर रहे हैं, यह केवल तुकबंदी है। 'एम' से मोतिहारी और 'एम' से मुंबई। जैसे 'पी' से पटना को 'पी' से पुणे में बदलने की बात करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी मोतिहारी के पास समुद्र भी लाएंगे?