क्या प्रशिक्षित पायलट मानव रहित विमानों के परीक्षण में योगदान देंगे?

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क्या प्रशिक्षित पायलट मानव रहित विमानों के परीक्षण में योगदान देंगे?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि प्रशिक्षित पायलट अब मानव रहित विमानों के परीक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने जा रहे हैं? यह कदम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। जानिए इस कार्यक्रम के बारे में विस्तार से!

Key Takeaways

  • स्वदेशी मानव रहित विमानों का परीक्षण
  • उत्पादन विमानों की टेस्ट फ्लाइंग
  • आत्मनिर्भरता को बढ़ावा
  • वायुसेना की क्षमता में वृद्धि
  • गगनयान कार्यक्रम में योगदान

नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। एयर फोर्स टेस्ट पायलट्स स्कूल में फर्स्ट टेस्ट कोर्स (अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स) और 25वें प्रोडक्शन टेस्ट पायलट्स कोर्स का वैलेडिक्टरी कार्यक्रम शुक्रवार को संपन्न हुआ। वायुसेना के उत्तीर्ण अधिकारी अब उत्पादन विमानों की टेस्ट फ्लाइंग तथा देश में विकसित हो रहे स्वदेशी मानव रहित विमानों के परीक्षण में भाग लेंगे, जिससे आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलेगा।

यह कार्यक्रम बेंगलुरु स्थित एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम्स टेस्टिंग एस्टेब्लिशमेंट में आयोजित किया गया। यहां एयर मार्शल केएए संजीव, डायरेक्टर जनरल (एयरक्राफ्ट), मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। समारोह में भारतीय वायुसेना, डीआरडीओ, एचएएल, सोसायटी ऑफ एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट्स, और सोसायटी ऑफ फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर्स के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

इस कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी अधिकारी छात्रों को ट्रॉफी प्रदान की गईं। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस वर्ष उत्तीर्ण हुए अधिकारी आगे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वे अब वायुसेना के उत्पादन विमानों की टेस्ट फ्लाइंग में योगदान देंगे। साथ ही देश में विकसित हो रहे स्वदेशी मानव रहित विमान एवं संबंधित प्रणालियों के परीक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

यह योगदान रक्षा एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और मजबूती प्रदान करेगा। एयर फोर्स टेस्ट पायलट्स स्कूल के तत्वावधान में संचालित, यह भारत में प्रायोगिक एवं उत्पादन उड़ान परीक्षण के लिए एकमात्र विशेष संस्थान है।

यह संस्थान फिक्स्ड विंग, रोटरी विंग और मानव रहित विमानों यानी तीनों ही क्षेत्रों के लिए टेस्ट क्रू तैयार करता है। वर्षों से इस संस्थान ने अत्यंत कुशल टेस्ट पायलट और इंजीनियर तैयार किए हैं। ये पायलट देश के प्रमुख रक्षा विमानन कार्यक्रमों के साथ ही अंतरिक्ष मिशनों, विशेषकर गगनयान कार्यक्रम में भी महत्वपूर्ण योगदान दे चुके हैं।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार एयर फोर्स टेस्ट पायलट्स स्कूल ने अब तक 47 फ्लाइट टेस्ट कोर्स, 24 प्रोडक्शन टेस्ट पायलट्स कोर्स, और 4 अन्य टेस्ट कोर्स सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किए हैं। एयर फोर्स टेस्ट पायलट्स स्कूल विश्व के कुछ चुनिंदा मान्यता प्राप्त टेस्ट पायलट स्कूलों में से एक है।

इसकी क्षमता और उपलब्धियों को देश-विदेश के प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी मान्यता दी है। इसके अलावा, एयर फोर्स टेस्ट पायलट्स स्कूल मित्र देशों के अफसरों को भी प्रशिक्षित करता रहा है, जिससे भारत की रक्षा सहयोग क्षमता और अधिक मजबूत होती है।

एयर फोर्स टेस्ट पायलट्स स्कूल में आयोजित यह वैलेडिक्टरी कार्यक्रम भारतीय वायुसेना और देश की रक्षा तकनीक में नई ऊर्जा का संचार करता है। नए प्रशिक्षित टेस्ट पायलट्स और मानव रहित विमान विशेषज्ञ भारतीय एयरोस्पेस इंडस्ट्री के स्वदेशी विकास में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। साथ ही भविष्य की रक्षा आवश्यकताओं को भी पूरा करेंगे।

Point of View

NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

एयर फोर्स टेस्ट पायलट्स स्कूल क्या है?
यह संस्थान भारत में प्रायोगिक एवं उत्पादन उड़ान परीक्षण के लिए एकमात्र विशेष संस्थान है।
स्वदेशी मानव रहित विमानों का परीक्षण क्यों महत्वपूर्ण है?
यह परीक्षण आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने में मदद करेगा।
इस कार्यक्रम में कितने अधिकारियों ने हिस्सा लिया?
इस कार्यक्रम में वायुसेना के उत्तीर्ण अधिकारियों ने हिस्सा लिया है।
क्या यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है?
हाँ, इस संस्थान की उपलब्धियों को अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने मान्यता दी है।
क्या ये पायलट भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे?
बिल्कुल, ये पायलट देश की रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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