क्या भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने महागठबंधन की बैठक पर चिंता जताई?

सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन की बैठक को लेकर भाजपा सांसद का कटाक्ष।
- वोटर लिस्ट विवाद पर विपक्ष को निशाना बनाया गया।
- रामलीला आयोजन के लिए विशेष व्यवस्था की मांग।
- रोजगार मेला में मोदी सरकार की प्रतिबद्धता।
- विपक्ष की चुनावी रणनीति पर सवाल उठाए गए।
नई दिल्ली, १२ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बिहार विधानसभा चुनाव, वोटर लिस्ट विवाद, दिल्ली में रामलीला के आयोजन और रोजगार मेला जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर राष्ट्र प्रेस के साथ एक विशेष चर्चा की। खंडेलवाल ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव द्वारा बिहार में बुलाई गई बैठक पर कटाक्ष करते हुए महागठबंधन के सहयोगियों को "चोर-चोर मौसेरे भाई" कहा।
उन्होंने कहा, "ये चोर-चोर मौसेरे भाई हैं, जो एक बार फिर चोरी करने के इरादे से इकट्ठा हुए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए सरकार ने विकास के बड़े-बड़े काम किए हैं। इनसे घबराकर विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को पूर्ण बहुमत प्राप्त होगा।
खंडेलवाल ने विपक्ष को "मेंढक"
बिहार में वोटर लिस्ट संशोधन को लेकर उठे विवाद पर खंडेलवाल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "विपक्ष की आदत बन गई है कि हार के बाद चुनाव आयोग और ईवीएम पर आरोप लगाए। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव आयोग ने विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर कराया है। केवल पात्र व्यक्तियों को ही वोटर लिस्ट में शामिल करने का अधिकार आयोग को है। विपक्ष को चिंता क्यों है? क्योंकि उन्होंने बड़ी संख्या में फर्जी वोटर बनाए हैं।"
प्रवीण खंडेलवाल ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर रामलीला आयोजन के लिए विशेष व्यवस्था की मांग की। उन्होंने कहा, "जिस तरह दिल्ली सरकार ने कांवड़ यात्रा की व्यवस्था की, उसी तरह रामलीला के लिए मैदान मुफ्त में उपलब्ध कराया जाए। बिजली भी मुफ्त दी जाए, और यदि यह संभव न हो तो वाणिज्यिक दर के बजाय घरेलू दर लागू की जाए।"
उन्होंने रामलीला के बेहतर आयोजन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने का भी सुझाव दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 51,000 रोजगार कार्ड वितरित करने पर खंडेलवाल ने कहा, "मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस और अन्य क्षेत्रों में विकास के नए अवसर पैदा हुए हैं। भारत अब विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो आर्थिक प्रगति का प्रतीक है। पिछले 11 वर्षों में पीएम मोदी के नेतृत्व में सबसे अधिक रोजगार सृजन हुआ है। रोजगार मेला सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"
--आईएएएस
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