क्या यूपी के इंटरनेशनल ट्रेड शो में प्रयागराज के मूंज उत्पादों ने बनाई पहचान?

Click to start listening
क्या यूपी के इंटरनेशनल ट्रेड शो में प्रयागराज के मूंज उत्पादों ने बनाई पहचान?

सारांश

प्रयागराज के मूंज उत्पादों को 'उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो- 2025' में सराहा गया। यह परंपरागत कला अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रही है। जानिए इन उत्पादों के बारे में और कैसे महिलाएं इस कुटीर उद्योग में योगदान दे रही हैं।

Key Takeaways

  • प्रयागराज के मूंज उत्पाद अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं।
  • महिलाओं की भागीदारी इस कुटीर उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण है।
  • मूंज उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त है।
  • इन उत्पादों की डिमांड देशभर में बढ़ रही है।
  • ट्रेड शो ने इन उत्पादों को बड़ा मंच दिया है।

ग्रेटर नोएडा, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो- 2025 में प्रयागराज के मूंज से बने उत्पादों ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया है। इन परंपरागत कला और कुटीर उद्योग से जुड़े उत्पादों की मांग अब न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तेजी से बढ़ रही है।

यह अद्वितीय कला प्रयागराज से जुड़ी है और इसे वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना में भी समाहित किया गया है।

प्रयागराज के द परफेक्ट बाजार के साझेदार पवन कुमार मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में उनके साथ लगभग 50 महिलाएं काम कर रही हैं, जिनका जीवनयापन इस कुटीर उद्योग पर निर्भर है। इसके अलावा, प्रयागराज के मूंज उत्पादों को जीआई टैग भी प्राप्त है, जिससे इन्हें एक विशेष पहचान मिली है।

उन्होंने बताया कि सड़क और नदी के किनारे उगने वाले सरपत नामक पौधे की ऊपरी परत को निकालकर सुखाया जाता है, जिसे मूंज कहा जाता है। इसे पूरी तरह सुखाने के बाद गुच्छों का रूप दिया जाता है, जिन्हें बल्ला कहते हैं। इन बल्लों को रंगाई के लिए पानी और रंग के मिश्रण में उबाला जाता है, जिससे चमकदार और टिकाऊ रंग चढ़ता है। इसके बाद विशेष प्रकार की घास कास पर मूंज को लपेटकर विभिन्न प्रकार के उपयोगी और सजावटी उत्पाद बनाए जाते हैं।

मूंज से तैयार किए गए उत्पादों में डलिया, पेन स्टैंड, रोटी रखने के बर्तन, गमले, हैंडबैग और सजावटी सामान शामिल हैं। अब तक कुल 152 से अधिक प्रकार के उत्पाद तैयार किए जा चुके हैं। इस ट्रेड शो में इन उत्पादों का पहली बार प्रदर्शन किया गया, जहां आगंतुकों ने इनकी सराहना की।

पवन कुमार मिश्रा ने बताया कि एक 11 इंच की डलिया बनाने में लगभग आठ घंटे का समय लगता है। यह पूरी प्रक्रिया एक महिला द्वारा पूरी होती है, जिसमें रंगाई और सजावट का काम भी शामिल होता है। खास बात यह है कि मूंज से बने उत्पाद वर्षों तक टिकाऊ रहते हैं और उन्हें पानी से धोकर भी पुनः उपयोग किया जा सकता है। यह कला अब आधुनिकता के साथ नए स्वरूप में सामने आ रही है।

मूंज से बने उत्पाद न केवल देश के बाजारों में लोकप्रिय हैं, बल्कि विदेशों से भी इनके ऑर्डर प्राप्त हो रहे हैं। इस ट्रेड शो ने इन उत्पादों को एक बड़ा मंच प्रदान किया है, जिससे प्रयागराज की इस दुर्लभ कला को वैश्विक पहचान मिल रही है।

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे स्थानीय उत्पादों को वैश्विक मंच पर लाया जा सकता है। इस प्रकार के प्रयासों से न केवल अर्थव्यवस्था को बल मिलता है, बल्कि महिलाओं को रोजगार के अवसर भी मिलते हैं।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

मूंज उत्पाद क्या होते हैं?
मूंज उत्पाद वह सामान होते हैं जो सरपत पौधे से बनाए जाते हैं, जैसे डलिया, हैंडबैग, और सजावटी सामान।
क्या मूंज उत्पादों को जीआई टैग मिला है?
हाँ, प्रयागराज के मूंज उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त है, जो इन्हें विशेष पहचान देता है।
मूंज उत्पादों की मांग कैसे बढ़ी है?
इन उत्पादों की मांग अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से बढ़ रही है, खासकर ट्रेड शो के माध्यम से।
मूंज डलिया बनाने में कितना समय लगता है?
एक 11 इंच की डलिया बनाने में लगभग आठ घंटे का समय लगता है।
ये उत्पाद कितने टिकाऊ होते हैं?
मूंज से बने उत्पाद वर्षों तक टिकाऊ रहते हैं और इन्हें पानी से धोकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।