क्या प्रियंका ने वायनाड की महिलाओं की मेहनत और कला को सराहा, बांस की टोकरी भी बनाई?

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क्या प्रियंका ने वायनाड की महिलाओं की मेहनत और कला को सराहा, बांस की टोकरी भी बनाई?

सारांश

प्रियंका गांधी वाड्रा का वायनाड दौरा एक प्रेरणादायक अनुभव था, जिसमें उन्होंने महिलाओं की मेहनत और कला को सराहा। उन्होंने बांस की टोकरी बनाने की कला भी सीखी। यह मुलाकात न केवल महिलाओं की सशक्तता को दर्शाती है बल्कि समाज में उनके योगदान को भी उजागर करती है।

Key Takeaways

  • महिलाओं की मेहनत को सराहना आवश्यक है।
  • बांस की टोकरी बनाने की कला का महत्व है।
  • सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की ओर बढ़ना चाहिए।
  • प्रियंका गांधी का प्रयास महिलाओं को संवर्धन देने का है।
  • स्थानीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देना जरूरी है।

नई दिल्ली, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा हाल ही में अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड के दौरे पर गई थीं, जहां उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की। प्रियंका गांधी ने इस दौरे से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया है। इस वीडियो में वे 'वनदुर्गा बांबू प्रोडक्ट्स' का काम करने वाली सरस्वती से मुलाकात करती हुई नजर आ रही हैं।

दरअसल, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड के नूलपुझा में 'वनदुर्गा बांबू प्रोडक्ट्स' चलाने वाली सरस्वती और उनकी सास से मुलाकात की। सरस्वती ने प्रियंका गांधी को अपनी कला से परिचित कराया। इस दौरान प्रियंका ने बांस की टोकरी बनाने की कला भी सीखी और सरस्वती की बेटी के साथ वीडियो कॉल पर भी बात की।

प्रियंका गांधी ने इस मुलाकात को यादगार बताया और महिलाओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "वायनाड की महिलाएं अथक परिश्रम करती हैं। वे कुशल, गर्वित और मजबूत हैं, जो अपने परिवारों का पालन-पोषण करती हैं।"

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, "सरस्वती टोकरी बनाकर अपनी आजीविका चलाती हैं। यह कला उन्होंने अपनी मां से सीखी। वे अपनी सास के साथ नूलपुझा में 'वनदुर्गा बांबू प्रोडक्ट्स' चलाती हैं। उनसे मिलना, टोकरी बनाना सीखना और उनकी बेटी, जो अर्थशास्त्र में बीए कर चुकी है, से वीडियो चैट करना अद्भुत था। तीन पीढ़ियों की सशक्त महिलाएं।"

उन्होंने आगे कहा, "वायनाड की महिलाएं मेहनत से कमाती हैं। वे कुशल, गर्वित और मजबूत हैं, जो अपने परिवार का पालन-पोषण करती हैं। उनका समर्थन करना और महिलाओं के लिए बेहतर अवसर सुनिश्चित करना हमें बेहतर भविष्य बनाने के लिए जरूरी है।"

जानकारी के लिए बता दें कि प्रियंका गांधी १२ सितंबर को वायनाड पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने सामाजिक, धार्मिक और सामुदायिक संगठनों के नेताओं से उनके घरों पर मुलाकात की थी।

Point of View

NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

प्रियंका गांधी ने वायनाड में किन महिलाओं से मुलाकात की?
प्रियंका गांधी ने वायनाड के नूलपुझा में 'वनदुर्गा बांबू प्रोडक्ट्स' की सरस्वती और उनकी सास से मुलाकात की।
प्रियंका ने किस कला को सीखा?
प्रियंका गांधी ने बांस की टोकरी बनाने की कला सीखी।
प्रियंका गांधी का वायनाड दौरा कब था?
प्रियंका गांधी का वायनाड दौरा १२ सितंबर को हुआ था।
प्रियंका ने महिलाओं की मेहनत के बारे में क्या कहा?
प्रियंका ने कहा कि वायनाड की महिलाएं मेहनत से कमाती हैं और वे कुशल, गर्वित और मजबूत हैं।
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य स्थानीय महिलाओं की कला और मेहनत को सराहना और उनके साथ जुड़ना था।