क्या पंजाब में बाढ़ से किसानों के बिगड़े हालात के लिए मान सरकार जिम्मेदार है?: तरुण चुघ

सारांश
Key Takeaways
- पंजाब में बाढ़ ने किसानों की फसलें बर्बाद की हैं।
- भाजपा ने मान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का अनुप्रयोग महत्वपूर्ण है।
- राजनीतिक संरक्षण से अवैध खनन बढ़ रहा है।
- कांग्रेस की हार उसके नेतृत्व की विफलता का परिणाम है।
नई दिल्ली, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने पंजाब में बाढ़ के कारण किसानों की बिगड़ी स्थिति के लिए भगवंत मान सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा, "यदि मान सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को पंजाब में लागू किया होता तो किसानों को प्रति एकड़ 42,000 रुपए तक की सुरक्षा मिल सकती थी। अब जब फसलें जलमग्न हो गई हैं, तो आम आदमी पार्टी के नेता केवल झूठी सहानुभूति दिखा रहे हैं।"
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पंजाब सरकार ने अपनी गैर-जिम्मेदाराना और नाटकीय राजनीति द्वारा आपदा के समय अपनी असली तस्वीर को उजागर किया है।
तरुण चुघ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब को 1600 करोड़ रुपए की तत्काल राहत प्रदान की, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने इसे राजनीतिक खेल बना लिया।
चुघ ने कहा, "आप सरकार की लापरवाही के कारण आज पंजाब के 1,900 गांव जलमग्न हैं और 2,100 गांव खतरे में हैं। अगर भगवंत मान सरकार समय पर काम करती, तो आज पंजाब को यह स्थिति नहीं देखनी पड़ती।"
तरुण चुघ ने पंजाब सरकार से सवाल पूछा कि राज्य में अवैध खनन और अवैध कटाई क्यों नहीं रूक रही है। इस मामले में 18 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन अब तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई।
भाजपा नेता ने कहा कि आप सरकार ने अवैध खनन और अवैध कटाई को राजनीतिक संरक्षण दिया है। 2.60 करोड़ रुपए बांध की मरम्मत के लिए मिले थे, लेकिन उसे भी खर्च नहीं किया गया। उन्होंने इस मामले में राज्यपाल से सीबीआई जांच कराने की मांग की।
चुघ ने राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर उठाए गए आरोपों को पूरी तरह से झूठा और निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था पर सवाल उठाना लोकतंत्र और उसकी विश्वसनीयता पर हमला है।
उन्होंने कहा, "देश को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है, यही कारण है कि जनता ने बार-बार कांग्रेस और राहुल गांधी को नकारा है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र से कर्नाटक तक हर जगह कांग्रेस की हार उसकी अपनी नीतियों और नेतृत्व की विफलता का परिणाम है, जिसे वह वोट चोरी जैसे बहाने बनाकर छिपाने का प्रयास कर रही है।