क्या पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 10 प्रतिशत जीबीएस का औसत इस्तेमाल बढ़कर 114 प्रतिशत तक पहुंच गया?

Click to start listening
क्या पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 10 प्रतिशत जीबीएस का औसत इस्तेमाल बढ़कर 114 प्रतिशत तक पहुंच गया?

सारांश

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए जीबीएस का औसत उपयोग पिछले 11 वर्षों में 114 प्रतिशत तक पहुंच गया है। यह बैठक विभिन्न मंत्रालयों के समन्वय और विकास पर केंद्रित थी। जानें इस विकास के पीछे की कहानी और भविष्य की संभावनाएँ।

Key Takeaways

  • 10 प्रतिशत जीबीएस का औसत उपयोग 114 प्रतिशत तक पहुंचा।
  • पूर्वोत्तर में 17 हवाई अड्डे बने हैं।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग 10,000 से बढ़कर 16,000 किलोमीटर हुए।
  • 5 लाख करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित हुआ।
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत के 30 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य की कुंजी है।

नई दिल्ली, 25 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री (डोनर) ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में, पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 10 प्रतिशत ग्रॉस बजटरी सपोर्ट (जीबीएस) का औसत उपयोग 104 प्रतिशत से 112 प्रतिशत और कुछ वर्षों में 114 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

एक सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए, उन्होंने कहा कि जिन मंत्रालयों में निरंतर कमी देखी जा रही है, उन्हें उच्च-मूल्य वाले विभागों पर ध्यान केंद्रित करते हुए यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करने के लिए निर्देशित किया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने सांसदों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और उन्हें आश्वासन दिया कि डोनर मंत्रालय राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच एक प्रभावी सेतु के रूप में काम करेगा।

यह बैठक 'अष्टलक्ष्मी' राज्यों के लिए 10 प्रतिशत जीबीएस के प्रावधान के तहत समन्वय को मजबूत करने की समीक्षा और चर्चा के लिए आयोजित की गई थी।

बैठक में अंतर-मंत्रालयी समन्वय को मजबूत करने, शिकायत निवारण में तेजी लाने और यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया कि अनिवार्य जीबीएस आवंटन आठ अष्टलक्ष्मी राज्यों में ठोस विकास परिणामों में परिवर्तित हो।

केंद्रीय मंत्री ने अपने सरकारी दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की और इसे विकसित पूर्वोत्तर और भारत की एक्ट ईस्ट नीति के व्यापक दृष्टिकोण के साथ जोड़ा।

हाल ही में संपन्न 'राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025' ने लगभग 5 लाख करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया, जिससे यह क्षेत्र भारत की समग्र प्रगति का एक सच्चा इंजन बन गया।

जहां 2014 में नौ हवाई अड्डे थे, वहीं अब पूर्वोत्तर में 17 हवाई अड्डे बनाए गए हैं। अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्यों में 65 वर्षों तक एक भी हवाई अड्डा नहीं था।

केंद्रीय मंत्री के अनुसार, आज अरुणाचल प्रदेश में चार और सिक्किम में एक हवाई अड्डा है। 2014 में 10,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग थे, जो अब 16,000 किलोमीटर हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र 2047 तक भारत के 30 ट्रिलियन डॉलर के विकसित भारत के लक्ष्य की कुंजी है।

Point of View

इस क्षेत्र की विकास यात्रा को दर्शाता है। हालांकि, यह आवश्यक है कि इस विकास को निरंतरता दी जाए और स्थानीय समुदायों को भी इसमें शामिल किया जाए।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

जीबीएस क्या है?
जीबीएस का मतलब ग्रॉस बजटरी सपोर्ट है, जो केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता है।
पूर्वोत्तर राज्यों में विकास की स्थिति क्या है?
पूर्वोत्तर राज्यों में पिछले कुछ वर्षों में विकास की गति तेजी से बढ़ी है, जैसे कि हवाई अड्डों की संख्या में वृद्धि और सड़क नेटवर्क का विस्तार।
इस क्षेत्र में निवेश की संभावनाएँ क्या हैं?
पूर्वोत्तर क्षेत्र में हाल के वर्षों में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित किया गया है, जो इसकी आर्थिक संभावनाओं को उजागर करता है।