क्या सुदर्शन पटनायक की सैंड मूर्ति 'एक पेड़ मां के नाम' पहल के तहत पर्यावरण के लिए प्रेरणा है?

सारांश
Key Takeaways
- पर्यावरण संरक्षण का महत्व
- सामाजिक एकजुटता का प्रतीक
- ७५ लाख पौधों का लक्ष्य
- सुदर्शन पटनायक की प्रेरणादायक कलाकृति
- भविष्य के लिए हरित भारत का निर्माण
पुरी, १३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल ‘एक पेड़ मां के नाम’ ने देशभर में पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में उत्साह का संचार किया है। इस पहल से प्रेरित होकर ओडिशा सरकार ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अगुवाई में १७ सितंबर को एक राज्यव्यापी वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की घोषणा की है।
इस अभियान के तहत ओडिशा के विभिन्न हिस्सों में ७५ लाख पौधे रोपे जाएंगे, जिसका उद्देश्य हरियाली को बढ़ावा देना और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना है।
यह पहल न केवल आम लोगों बल्कि प्रसिद्ध रेत कलाकार और पद्मश्री पुरस्कार विजेता सुदर्शन पटनायक जैसे व्यक्तियों को भी प्रेरित कर रही है।
सुदर्शन पटनायक ने इस अभियान को समर्थन देने के लिए एक अद्भुत सैंड मूर्ति बनाई है, जो वृक्षारोपण के महत्व को प्रदर्शित करती है। उनकी कलाकृति पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने और लोगों को इस अभियान में भाग लेने के लिए प्रेरित करने का एक अनूठा प्रयास है।
पटनायक ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहल हमें एकजुट होकर एक बेहतर पर्यावरण के लिए काम करने की प्रेरणा देती है। पेड़ लगाना न केवल हमारी मातृभूमि के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक है, बल्कि यह भावी पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य उपहार भी है।"
उन्होंने आगे कहा, "ओडिशा सरकार का यह प्रयास निश्चित रूप से एक प्रेरणा बनेगा। ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के तहत यह वृक्षारोपण अभियान हमारे पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा, साथ ही भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और हरित भारत का निर्माण करेगा।"
बीजद विधायक दिब्य शंकर मिश्रा ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा, "पर्यावरण संतुलन बनाए रखना हमारी प्रमुख जिम्मेदारी है। पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के समय भी बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया गया था और यह संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है। हमें मिलकर अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए, ताकि हमारी धरती हरी-भरी रहे। यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि सामाजिक एकजुटता और सामूहिक जिम्मेदारी का प्रतीक भी है।"
आपको बताना है कि इस अभियान की मुख्य विशेषताओं में राज्यव्यापी भागीदारी, सामुदायिक सहभागिता और पर्यावरण संरक्षण पर जोर देना शामिल है। ओडिशा के सभी क्षेत्रों से लोग इस पहल को सफल बनाने के लिए एकजुट हो रहे हैं। यह अभियान नागरिकों को एक हरित और स्थायी भविष्य के लिए योगदान देने के लिए प्रेरित करता है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा, "दुनिया का सबसे बड़ा वरदान मां है। जिस प्रकार हमारी जन्मदात्री मां हमारे जीवन का स्रोत है, उसी प्रकार धरती माता भी हमारी मां है। अपनी माताओं के प्रति प्रेम, सम्मान और भक्ति व्यक्त करने के साथ-साथ, धरती माता की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत की। पिछले वर्ष शुरू हुआ यह अभियान अब एक जन आंदोलन बन चुका है। इस अभियान के दूसरे संस्करण में, हमने इस वर्ष पूरे राज्य में ७.५ करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा है। ५ जून से शुरू हुआ यह अभियान ३० सितंबर को समाप्त होगा।"
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ७५वां जन्मदिन १७ सितंबर को है। पीएम मोदी के नेतृत्व में, एक सशक्त और विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की यात्रा को दुनिया भर में सराहना प्राप्त हुई है। ओडिशा के विकास के लिए उनका हमेशा एक विशेष दृष्टिकोण रहा है। ओडिशा की प्रगति के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए इस दिन ७५ लाख पौधे लगाए जाएंगे। यह ओडिशा की जनता की ओर से पीएम मोदी को एक उपहार होगा। मैं समाज के सभी वर्गों, आम जनता, छात्रों, युवाओं, स्वयं सहायता समूहों और स्वयंसेवी संगठनों से विशेष अपील करता हूं कि वे एकजुट होकर वृक्षारोपण की इस नेक पहल को सफल बनाएं। आइए हम सब मिलकर इस अभियान में हाथ बंटाएं। अपनी जन्मदात्री माताओं के प्रति सम्मान प्रकट करने के साथ-साथ, धरती माता के लिए भी एक पेड़ लगाने का संकल्प लें। हम सब मिलकर आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरा-भरा और सुंदर समाज बनाने में योगदान दें।