क्या पीएम मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम में पूर्वोत्तर की भूमिका को सराहा और भूपेन हजारिका के गीतों को याद किया?

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क्या पीएम मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम में पूर्वोत्तर की भूमिका को सराहा और भूपेन हजारिका के गीतों को याद किया?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में भूपेन हजारिका की शताब्दी समारोह में पूर्वोत्तर के योगदान की सराहना की। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव की पहल और भूपेन दा के देशभक्ति गीतों के महत्व को उजागर किया। जानिए इस अवसर पर क्या कहा मोदी ने।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर के बलिदान की सराहना की।
  • भूपेन हजारिका के गीतों ने साहस और ऊर्जा का संचार किया।
  • आजादी का अमृत महोत्सव पूर्वोत्तर इतिहास को पुनर्जीवित करता है।
  • असम के सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने राष्ट्रीय पहचान को मजबूत किया।
  • भूपेन दा का योगदान आज भी जीवित है।

गुवाहाटी, १४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय सुरक्षा में पूर्वोत्तर क्षेत्र के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के अनगिनत लोगों ने राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है।

मोदी ने यह बात भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की जन्म शताब्दी समारोह में अपने संबोधन में कही।

प्रधानमंत्री मोदी ने आजादी का अमृत महोत्सव जैसी पहलों का जिक्र करते हुए बताया कि यह पूर्वोत्तर के गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित करने और प्रदर्शित करने में सहायक रही है। इसने उन गुमनाम नायकों की कहानियों को सामने लाया है, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी और देश की सीमाओं की रक्षा की।

उन्होंने बताया कि दिल्ली में अष्टलक्ष्मी महोत्सव जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों की कलात्मक और साहित्यिक शक्ति को प्रदर्शित किया है, जिससे उनकी राष्ट्रीय मुख्यधारा में उपस्थिति और मजबूत हुई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने 1962 के चीन युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा कि भूपेन हजारिका के देशभक्ति गीतों ने सैनिकों और आम नागरिकों में साहस का संचार किया और राष्ट्रीय संकट के समय में उत्साह बनाए रखा।

उन्होंने कहा, "उन गीतों ने राष्ट्र में साहस और ऊर्जा का संचार किया और आज भी वह भावना जीवित है।"

उन्होंने आगे कहा कि असम और पूर्वोत्तर के लोगों का उत्साह, रचनात्मकता और देशभक्ति अब भी कम नहीं हुई है और यह नए भारत के निर्माण की दिशा में उनके जज्बे को दर्शाता है।

पीएम मोदी ने कहा कि आठ सितंबर को भूपेन हजारिका का जन्मदिवस बीता है। उस दिन मैंने भूपेन दा को समर्पित एक लेख में अपनी भावनाएं व्यक्त की थीं। मेरा सौभाग्य है कि उनके जन्‍म शताब्‍दी वर्ष के इस आयोजन में मुझे हिस्सा लेने का अवसर मिला है। ऐसे पवित्र अवसर पर आना यह मेरा सौभाग्य है। भूपेन दा को हम सभी प्यार से शुधा कॉन्ठो कहते थे। यह उन शुधा कॉन्ठो का जन्‍म शताब्‍दी वर्ष है, जिन्होंने भारत की भावनाओं को आवाज दी, जिन्होंने संगीत को संवेदना से जोड़ा, जिन्होंने संगीत में भारत के सपनों को संजोया और जिन्होंने मां गंगा से मां भारती की करुणा को अपने गायन के माध्यम से सुनाया।

उन्होंने आगे कहा कि भूपेन दा सशरीर हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनके गीत और स्वर आज भी भारत की विकास यात्रा के साक्षी बन रहे हैं, उसे ऊर्जा दे रहे हैं। हमारी सरकार बहुत गर्व से भूपेन दा के जन्‍म शताब्‍दी वर्ष को सेलिब्रेट कर रही है। हम भूपेन हजारिका के गीतों को, उनके संदेशों को और उनकी जीवन यात्रा को घर-घर ले जा रहे हैं। आज यहां उनकी बायोग्राफी भी रिलीज की गई है। मैं इस अवसर पर डॉ. भूपेन हजारिका को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। मैं असम के भाई-बहनों के साथ ही हर भारतवासी को भूपेन दा के इस जन्‍म शताब्‍दी वर्ष पर बधाई देता हूं।

Point of View

जो हमें यह याद दिलाता है कि हमारे देश की विविधता और समृद्धता में हर क्षेत्र का योगदान है। यह एकता के प्रतीक के रूप में काम करता है और हमें एकजुट होकर आगे बढ़ने का संदेश देता है।
NationPress
13/09/2025

Frequently Asked Questions

पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र की सराहना क्यों की?
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय सुरक्षा में पूर्वोत्तर क्षेत्र के योगदान को मान्यता दी है, यह बताते हुए कि इस क्षेत्र के लोगों ने राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
भूपेन हजारिका की शताब्दी समारोह का महत्व क्या है?
भूपेन हजारिका के गीतों ने भारतीय संस्कृति और देशभक्ति को बढ़ावा दिया है। उनके योगदान को मान्यता देने के लिए यह समारोह आयोजित किया गया है।
क्या आजादी का अमृत महोत्सव पूर्वोत्तर के इतिहास को प्रमोट करता है?
हाँ, यह पहल पूर्वोत्तर के गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित करने में मदद करती है और गुमनाम नायकों की कहानियों को उजागर करती है।