क्या थकान, चक्कर, और नसों की कमजोरी का कारण <b>विटामिन बी12</b> की कमी है?
सारांश
Key Takeaways
- विटामिन बी12 तंत्रिकाओं और कोशिकाओं के लिए आवश्यक है।
- इसकी कमी से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
- शाकाहारी लोगों को विटामिन बी12 की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
- सही आहार और समय पर जांच आवश्यक है।
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मानव शरीर कई तंत्रिकाओं और कोशिकाओं का संयोजन है, जिन्हें सही तरीके से काम करने के लिए विटामिन और खनिज की आवश्यकता होती है।
हर विटामिन का शरीर में अपना एक महत्वपूर्ण कार्य होता है, लेकिन विटामिन बी12 तंत्रिकाओं और कोशिकाओं दोनों के लिए अत्यावश्यक है। यह दिल से लेकर मस्तिष्क की नसों के सुचारू कार्य में सहायता करता है।
विटामिन बी12 मानव शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण, डीएनए, मस्तिष्क और तंत्रिका कोशिकाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ध्यान दें कि विटामिन बी12 की पूर्ति मानव शरीर खुद नहीं कर सकता। इसका अर्थ है कि शरीर विटामिन बी12 नहीं बनाता और इसके शाकाहारी स्रोत बहुत सीमित हैं। इसीलिए, शाकाहारी व्यक्तियों में विटामिन बी12 की कमी सबसे अधिक पाई जाती है।
विटामिन बी12 की कमी शरीर के समग्र स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। इसकी कमी के कारण थकान, चक्कर आना, बार-बार कमजोरी महसूस करना, सिर की नसों में दर्द, लगातार सिरदर्द, मुंह और जीभ में छाले, और याददाश्त में कमी देखी जा सकती है। यदि लंबे समय तक विटामिन बी12 की कमी बनी रहती है, तो नसों में कमजोरी और रक्त का गाढ़ा होना शुरू हो सकता है।
अब सवाल यह है कि कितनी मात्रा में विटामिन बी12 की आवश्यकता होती है। हर वयस्क को रोजाना 2.4 माइक्रोग्राम की आवश्यकता होती है, जबकि गर्भवती महिलाओं को 2.6 माइक्रोग्राम और दूध पिलाने वाली माताओं को 2.8 माइक्रोग्राम की आवश्यकता होती है। विटामिन बी12 के शाकाहारी स्रोत अत्यधिक सीमित हैं और इसे सही तरीके से अवशोषित करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए दूध, दही, मक्खन, और पनीर जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें। ये सभी खाद्य पदार्थ पशुओं से प्राप्त होते हैं। इसके अलावा, फोर्टिफाइड अनाज और सोया मिल्क का भी उपयोग करें।
यदि आप मांसाहारी हैं, तो आपको अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी12 मिल जाएगा। यदि आपके आहार से विटामिन बी12 की कमी पूरी नहीं हो रही है, तो डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट लेना आवश्यक है, क्योंकि विटामिन बी12 की कमी को नजरअंदाज करना भविष्य में गंभीर बीमारियों को आमंत्रित करना है। समय पर जांच, सही आहार और जागरूकता आवश्यक है।