क्या पुरी के जगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा में है बड़ी चूक?

सारांश
Key Takeaways
- जगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा में चूक हुई है।
- महासूर ने सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है।
- वीडियो में सुरक्षा खामियों का खुलासा हुआ है।
- सुरक्षा व्यवस्था का पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है।
- यह मंदिर राष्ट्रीय और वैश्विक तीर्थस्थल है।
पुरी, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पुरी के जगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा में एक गंभीर चूक का मामला प्रकाश में आया है। मंदिर के वरिष्ठ सेवादार गणेश्वर महासूर ने चिंता व्यक्त करते हुए ओडिशा सरकार से त्वरित और कड़े कदम उठाने की अपील की है। यह चूक तब उजागर हुई जब एक वायरल वीडियो में एक अज्ञात व्यक्ति मंदिर की बाहरी दीवार मेघनाद पचेरी पर चढ़ने का प्रयास करते हुए दिखाई दिया।
महासूर ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "मंदिर परिसर के अंदर ऐसे संवेदनशील क्षेत्र में प्रवेश का प्रयास करना अत्यंत चिंता का विषय है। यदि आज यह संभव है, तो हम रथ यात्रा जैसे भारी भीड़ वाले आयोजनों के दौरान बड़े खतरों की आशंका से इनकार नहीं कर सकते।"
महासूर ने मंदिर प्रशासन और जिला अधिकारियों की जवाबदेही पर सवाल उठाते हुए कहा, "यदि केवल चार लोग उस संवेदनशील स्थान में घुसकर कोई दुर्घटना करते हैं, तो कौन जिम्मेदारी लेगा? ये छोटी-मोटी चूक नहीं, बल्कि एक गंभीर सुरक्षा चूक है।"
उन्होंने बार-बार चेतावनी के बावजूद समय पर कार्रवाई न करने की आलोचना की और कहा, "पहले भी कैमरे लगाए गए थे और डीजीपी, आईजी एवं अन्य अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठकें हुई थीं। लेकिन ऐसी खामियां अब भी हो रही हैं, जो योजना बनाने में नहीं, बल्कि कार्यान्वयन में विफलता को दर्शाती हैं।"
महासूर ने यह भी कहा कि कुछ द्वारों, बैरिकेड्स और रास्तों की स्थिति काफी खराब और खतरनाक है, विशेषकर बड़ी भीड़ के दौरान। उन्होंने चेतावनी दी कि "यह मंदिर केवल ओडिशा का गौरव नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय और वैश्विक तीर्थस्थल है। इससे पहले कि कोई दुखद घटना घटे, पूरी व्यवस्था को जाग जाना चाहिए।"
महासूर ने ओडिशा सरकार से मंदिर और जिला प्रशासन की भागीदारी में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक बुलाने की अपील की। उन्होंने कहा, "हम सरकार से निवेदन करते हैं कि इस मामले को हल्के में न लें। सभी सुरक्षा खामियों का तुरंत उचित निरीक्षण और पुनर्मूल्यांकन होना चाहिए।"