क्या रात में सोने से पहले आयुर्वेदिक उपायों से सुबह पेट साफ किया जा सकता है?
सारांश
Key Takeaways
- गुनगुना पानी पाचन को बेहतर बनाता है।
- त्रिफला से प्राकृतिक डिटॉक्स मिलता है।
- हरड़ कोलन की गति को संतुलित करता है।
- सोने से पहले मालिश फायदेमंद होती है।
- इलायची दिमाग को आराम देती है।
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चाहे मौसम कोई भी हो, सुबह पेट का सही से साफ न होना एक गंभीर समस्या बन जाती है। कब्ज न केवल पाचन को प्रभावित करता है, बल्कि आयुर्वेद के अनुसार यह त्रिदोष का असंतुलन, भूख में कमी, गैस, शरीर में भारीपन, त्वचा की सुस्ती और तनाव भी पैदा कर सकता है। ऐसे में रात में कुछ सरल आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर आप सुबह की पाचन क्रिया को आसान बना सकते हैं।
सबसे सरल और प्रभावी तरीका है सोने से 1 घंटे पहले एक कप गुनगुना पानी पीना। यह पाचन क्रिया को सुधारता है। इसके अतिरिक्त, सोने से 30 मिनट पहले 1 चम्मच देशी गाय का घी गुनगुने पानी के साथ लेना भी लाभकारी है। यह आंतों को लुब्रिकेट करता है और सुबह मल त्याग को सरल बनाता है। वैद्य इसे स्नेह-पान की सूक्ष्म मात्रा मानते हैं, जो नींद, पाचन और सफाई में सहायता करती है।
रात में त्रिफला लेने से पाचन को हल्का डिटॉक्स मिलता है। आधा चम्मच त्रिफला गर्म पानी के साथ लेने से सुबह पेट खुद-ब-खुद साफ हो जाता है। इसके अलावा, गुनगुने पानी में भिगोए 4 मुनक्का भी आंतों को कोमल बनाते हैं और सुबह मल को सहजता से निकालने में मदद करते हैं।
कब्ज के लिए आयुर्वेद में हरड़ को 'विष्टम्भ नाशिनी' कहा गया है। रात में हल्का सा चूर्ण या गोलियां लेने से कोलन की गति संतुलित रहती है। सोने से पहले पेट पर 10 मिनट की हल्की मालिश भी फायदेमंद होती है, खासकर बाएं-निचले पेट पर।
आयुर्वेद का मानना है कि रात 8 बजे तक हल्का, गर्म और आसानी से पचने वाला भोजन ही सुबह की सफाई में मदद करता है। आप चाहें तो सोते समय सिरहाने 1 इलायची रख सकते हैं। इसकी सुगंध दिमाग को आराम देती है और पाचन तंत्र को खोलती है।
इन उपायों को अपनाने से 2-3 दिन में हल्कापन महसूस होता है, 5-7 दिन में सुबह की दिनचर्या स्वाभाविक हो जाती है और 15 दिन में पाचन और चयापचय दोनों बेहतर हो जाते हैं। जब पेट के अन्न उपाय सही हों, आंतें पर्याप्त लुब्रिकेटेड हों, भोजन समय पर हो और नींद गहरी हो, तभी सुबह पेट सहज रूप से साफ होता है।