क्या छठ पर राहुल गांधी की टिप्पणी उनकी हिंदू विरोधी मानसिकता का प्रतीक है?
सारांश
Key Takeaways
- सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी की टिप्पणी को निंदनीय बताया।
- कहा गया कि यह भारतीय संस्कृति के प्रति तिरस्कार को दर्शाता है।
- एनडीए के नेतृत्व में बिहार ने विकास की नई राह देखी है।
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने छठ पूजा पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस सांसद और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने बुधवार को बिहार में भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण त्योहार छठ पूजा के संदर्भ में आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया। यह उनका निंदनीय बयान है, खासकर जब उन्होंने विदेश यात्रा के दौरान भारत के खिलाफ दुष्प्रचार किया।
भाजपा नेता ने कहा कि जो कुछ महागठबंधन और राहुल गांधी कर रहे हैं, यह कोई नई बात नहीं है। पहले भी राहुल गांधी ने प्रयागराज महाकुंभ में 'गंदा पानी' शब्द का प्रयोग किया था। उन्होंने अयोध्या में 'राम मंदिर' के उद्घाटन को नाच-गान के रूप में देखा था, और अब उन्हें छठ पर्व पर ड्रामा नजर आ रहा है। यह उनके मन में भारतीय संस्कृति और हिंदू संस्कृति के प्रति तिरस्कार को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी को बताना चाहता हूं कि यह कोई ड्रामा नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी शुद्ध शाकाहारी हैं और नवरात्रि पर व्रत रखते हैं। असली ड्रामा तो आप और आपके साथ वाले दल करते हैं। आपके साथ के दल हिंदू धर्म के समूल नाश की बात करते हैं। आप अपनी जाति नहीं, गौत्र बताते हैं, यही असली ड्रामा है।
इससे पहले भाजपा नेता ने महागठबंधन पर भी हमला बोला, साथ ही लालू प्रसाद यादव के परिवार पर भी तंज कसा।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा था कि लालू प्रसाद यादव, जो कभी खुद को गरीबों का नेता बताते थे, अब अपने परिवार में नेतृत्व को लेकर उलझे हुए हैं। उनके सामने दुविधा है कि इस बेटवा का नेता बनूं या उस बेटवा का। बिहार की जनता सब देख रही है, कौन सत्ता के लिए लड़ रहा है और कौन जनता की सेवा के लिए।
उन्होंने कहा कि इसके विपरीत एनडीए एकजुट और मजबूत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने विकास की नई राह देखी है। केंद्र और राज्य की सरकारें जनता के भरोसे पर खरी उतरी हैं।