क्या राहुल गांधी को अरुण जेटली पर की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए? : अनुराग ठाकुर

सारांश
Key Takeaways
- अरुण जेटली एक सम्मानित नेता थे जिनका सभी दलों में सम्मान था।
- राहुल गांधी की टिप्पणियों पर अनुराग ठाकुर की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण है।
- कांग्रेस को माफी मांगने का सुझाव दिया गया है।
- बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और राजद की हार निश्चित है।
नई दिल्ली, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली पर की गई टिप्पणी पर भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अरुण जेटली एक सम्मानित नेता थे, जिनका हर दल के लोग सम्मान करते थे।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि अरुण जेटली का सभी राजनीतिक दलों में बहुत सम्मान था। उन्होंने हमेशा राजनीति से ऊपर उठकर कई मुद्दों पर अपनी राय साझा की और सभी को साथ लेकर चले। लेकिन आज कांग्रेस पार्टी की राजनीति डर और धोखे पर आधारित है, जिसका उद्देश्य भ्रम फैलाना है और कांग्रेस स्वयं भ्रम में जी रही है।
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि कांग्रेस में बस यही सच है कि उनकी हर बात झूठ है। अरुण जेटली हम जैसे अनेक कार्यकर्ताओं के लिए अभिभावक समान थे। लोग दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका सम्मान करते थे और उनके अनुभव का लाभ लेते थे। जिन्होंने देश को इतना कुछ दिया, उनके बारे में राहुल गांधी इतना बड़ा झूठ आखिर कैसे बोल सकते हैं? राहुल गांधी का कहना है कि जब मैं कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहा था, तब जेटली ने मुझे धमकाया था? राहुल गांधी सफेद झूठ बोल रहे हैं, क्योंकि 24 अगस्त 2019 को अरुण जेटली का निधन हुआ जबकि कृषि कानून लोकसभा में 17 सितम्बर 2020 और राज्यसभा में 20 सितंबर 2020 को आए थे।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी एक अलग ही काल्पनिक दुनिया में रहते हैं, जहां सच और तथ्य की कोई जगह नहीं है। देश भर में मानहानि के कई मामले उनके ऊपर चल रहे हैं। उन्हें अरुण जेटली के परिवार और देश से माफी मांगनी चाहिए।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि बिहार में कांग्रेस और राजद की हार निश्चित है और अब वे चुनाव आयोग और उसके अधिकारियों को दोष दे रहे हैं। कांग्रेस और उनके सहयोगी दल एक के बाद एक झूठ बोल रहे हैं। चाहे कृषि कानून पर हो या फिर एसआईआर का मामला हो। जब-जब कांग्रेस पार्टी और उनके सहयोगी दल चुनाव हारते हैं, वे चुनाव आयोग पर अपनी हार का ठीकरा फोड़ना चाहते हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा की हार के बाद आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में इनकी पराजय तय है।