क्या सावरकर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को मिली राहत? सुप्रीम कोर्ट ने रखा अंतरिम आदेश बरकरार

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क्या सावरकर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को मिली राहत? सुप्रीम कोर्ट ने रखा अंतरिम आदेश बरकरार

सारांश

क्या सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को वीर सावरकर टिप्पणी मामले में राहत दी? जानें पूरी खबर और आगामी सुनवाई के बारे में।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत दी है।
  • अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी।
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना जवाब प्रस्तुत किया है।
  • राहुल गांधी के बयान पर कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई।
  • सामाजिक ताने-बाने पर इस मामले का असर पड़ सकता है।

नई दिल्ली, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर के खिलाफ किए गए विवादास्पद बयान के मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई टल गई। इस मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी और तब तक सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश बरकरार रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता वकील नृपेंद्र पांडे को जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट को सूचित किया है कि उसने अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने लखनऊ की निचली अदालत द्वारा जारी समन पर अंतरिम रोक लगाई थी, लेकिन राहुल गांधी के बयान को लेकर कड़ी फटकार भी लगाई थी। कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि यदि राहुल गांधी भविष्य में इस तरह के अपमानजनक बयान देंगे, तो वह स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू करेगा।

इससे पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा प्रस्तुत किया था। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी के बयान जानबूझकर नफरत फैलाने के इरादे से दिए गए थे, जो कि अपराध की श्रेणी में आते हैं। सरकार ने शिकायतकर्ता नृपेंद्र पांडे के तर्क का समर्थन करते हुए कहा कि राहुल गांधी के कार्य समाज में नफरत और दुश्मनी फैलाने के इरादे से किए गए थे।

राहुल गांधी ने सावरकर के खिलाफ २०२२ में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महाराष्ट्र में दिए गए बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने लखनऊ की निचली अदालत के समन और वहां चल रही कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है। राहुल गांधी ने अपने बयान में सावरकर को 'अंग्रेजों का नौकर' बताया था और कहा था कि वे 'अंग्रेजों से पेंशन लेते थे।'

वकील नृपेंद्र पांडे ने इस संबंध में अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। अदालत ने प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा १५३(ए) और ५०५ के तहत मामला दर्ज कर राहुल गांधी को समन जारी किया था।

Point of View

इस मामले का विश्लेषण करते हुए यह स्पष्ट है कि राहुल गांधी के बयान ने समाज में नफरत की दीवारें खड़ी की हैं। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है, लेकिन हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि बयानबाजी की जिम्मेदारी किसकी है। यह मामला न केवल राजनीतिक है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने पर भी असर डालता है।
NationPress
10/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या राहुल गांधी पर कोई कानूनी कार्रवाई होगी?
यदि राहुल गांधी ने भविष्य में अपमानजनक बयान दिए, तो सुप्रीम कोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई कर सकता है।
कब होगी अगली सुनवाई?
अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी।
सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ की निचली अदालत द्वारा जारी समन पर अंतरिम रोक लगाई है।
क्या उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना जवाब दिया है?
हाँ, उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया है।
क्या यह मामला राजनीतिक है?
यह मामला राजनीति से जुड़ा है, लेकिन इसके समाज पर भी गहरे प्रभाव हैं।